
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान उन्होंने कुल 19 लाख रुपये बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB)/आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शनिवार को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में राज्य भर में 13 स्थानों पर छापे मारे। कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी सहयोगियों के परिसरों से 19 लाख रुपये बरामद किए गए।
कवासी लखमा कथित शराब घोटाले के सिलसिले में इस साल जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद रायपुर केंद्रीय जेल में हैं। लखमा (71) सुकमा जिले के कोंटा से छह बार विधायक रहे हैं और भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री थे।
इन जगहों पर हुई छापेमारी
एसीबी अधिकारी ने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू की तेरह टीमों ने रायपुर, जगदलपुर (बस्तर), अंबिकापुर (सरगुजा), दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में लखमा से कथित तौर पर जुड़े लोगों से जुड़े 13 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारी ने कहा, "कार्रवाई उन सूचनाओं के आधार पर की गई, जिनसे पता चला कि लखमा ने कथित तौर पर अवैध धन को अपने करीबी सहयोगियों, दोस्तों, साझेदारों के पास रखा था और उनके माध्यम से निवेश भी किया था।" उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान संदिग्धों के आवासों और अन्य स्थानों से 19 लाख रुपये नकद, मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कई बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज और जमीन में निवेश से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
कब हुआ था घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था। उस समय लखमा आबकारी मंत्री थे। एजेंसी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, जबकि इसमें शामिल लोगों ने 2,100 करोड़ रुपये कमाए। इसमें शामिल सिंडिकेट में वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता और उनके सहयोगी और राज्य आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। (इनपुट- पीटीआई)