Thursday, December 18, 2025
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रूबियो ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के 2 और जजों पर चलाया हंटर, इजरायल के खिलाफ कार्यवाही पर लगाया बैन

अमेरिका ने इजरायल के खिलाफ गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध के विरुद्ध कार्यवाही शुरू करने वाले आईसीसी के 2 और जजों पर बैन लगा दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 18, 2025 11:50 pm IST, Updated : Dec 18, 2025 11:50 pm IST
मार्को रूबियो, अमेरिका के विदेश मंत्री। - India TV Hindi
Image Source : AP मार्को रूबियो, अमेरिका के विदेश मंत्री।

वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के दौरान इजरायली अधिकारियों के संभावित युद्ध अपराधों की जांच करने की भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के दो और जजों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने जॉर्जिया के जज गोचा लॉर्डकिपानिद्जे और मंगोलिया के एर्डेनेबालसुरेन डामडिन को दंड के लिए नामित किया है, जिसमें अमेरिकी क्षेत्राधिकार में संपत्तियों को फ्रीज करना और अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध शामिल हो सकता है।

इजरायल के खिलाफ कार्यवाही पर लिया एक्शन

अमेरिका ने यह एक्शन जजों की इजरायल के खिलाफ कार्यवाही के चलते लिया गया है। ये दोनों जज आईसीसी के उन जजों और स्टाफ सदस्यों की श्रृंखला में नवीनतम हैं, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने इजरायल और अमेरिका के बारे में आपराधिक शिकायतों को मंजूरी देने या आगे बढ़ाने के लिए निशाना बनाया है। रिपब्लिकन प्रशासन ने पहले आईसीसी के पूर्व मुख्य अभियोक्ता और नौ न्यायिक एवं सहायक स्टाफ सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए थे। इसमें वकील और जांचकर्ता शामिल हैं। रुबियो ने एक बयान में कहा कि आईसीसी ने इजरायल को निशाना बनाने वाली राजनीतिक कार्रवाइयों में लगातार संलग्न होना जारी रखा है, जो सभी राष्ट्रों के लिए खतरनाक मिसाल कायम करता है। 

संप्रभुता उल्लंघन का लगाया आरोप

रूबियो ने कहा, “हम आईसीसी के उन सत्ता दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो अमेरिका और इजरायल की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं और गलत तरीके से अमेरिकी एवं इजरायली व्यक्तियों को आईसीसी के क्षेत्राधिकार के अधीन करते हैं।” हेग स्थित आईसीसी ने इस घोषणा पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और एक बयान में कहा कि वह इस कदम की “कड़ी निंदा” करता है।“ ये प्रतिबंध एक निष्पक्ष न्यायिक संस्था की स्वतंत्रता पर स्पष्ट हमला हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के अपने सदस्य राज्यों द्वारा दिए गए जनादेश के अनुसार काम करती है। जजों और अभियोक्ताओं को कानून लागू करने के लिए धमकाना कानून के शासन को कमजोर करता है। जब न्यायिक अधिकारी कानून लागू करने के लिए धमकाए जाते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था ही खतरे में पड़ जाती है।

अदालत निष्पक्षता जारी रखेगी

आईसीसी ने बयान में कहा कि अदालत अपने जनादेश को “स्वतंत्रता और निष्पक्षता” के साथ जारी रखेगी। ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई पिछले साल आईसीसी जजों के एक पैनल द्वारा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद आई है। नेतन्याहू ने उनके खिलाफ वारंट की निंदा की थी और कहा था कि इजरायल अदालत की “बेतुकी और झूठी कार्रवाइयों” को “घृणा के साथ खारिज करता है।”गैलेंट ने कहा था कि यह फैसला “आत्मरक्षा के अधिकार और नैतिक युद्ध के खिलाफ खतरनाक मिसाल कायम करता है और हत्यारे आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है।

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