Sunday, April 28, 2024
Advertisement

इतने कश्मीरी लेखकों को मिल चुका है साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार, जानें उनके नाम

साल 2011 में स्थापित साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो 24 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट कार्यो के लिए युवा लेखकों को सालाना प्रदान किया जाता है।

Reported By : IANS Edited By : Akash Mishra Published on: December 30, 2022 18:53 IST
सांकेतिक फोटो(File)- India TV Hindi
Image Source : WIKIPEDIA सांकेतिक फोटो(File)

साल 2011 में स्थापित साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो 24 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट कार्यो के लिए युवा लेखकों को सालाना प्रदान किया जाता है। यह 35 साल से कम उम्र के युवा लेखकों को गुणवत्तापूर्ण साहित्य का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहचानता है। जम्मू-कश्मीर के कुल 10 युवा लेखकों को कथा साहित्य, कविता आदि के क्षेत्र में अब तक कश्मीरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार मिल चुका है। 

ये हैं वे 10 कश्मीरी लेखक

कश्मीर के जिन 10 लेखकों को कश्मीरी भाषा में अपने कार्यो के लिए अब तक यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है, वे सभी मानते हैं कि इस सम्मान ने उनकी साहित्यिक यात्रा में एक प्रेरणा का काम किया है। उनकी इस उपलब्धि ने कई युवाओं को कश्मीरी भाषा में लिखने के लिए प्रेरित किया है। जिन 10 युवा पुरस्कार विजेताओं को कश्मीरी भाषा में कथा, कविता और आलोचनात्मक लेखन के क्षेत्र में उनके कार्यो के लिए सम्मानित किया गया है, वे हैं- निशाद आजम, फारूक शाहीन, सबा शाहीन, आदिल मोहिउद्दीन, निगहत साहिबा, दीबा नजीर, सागर नजीर, मुजफ्फर अहमद पारे, रजी ताहिर बाघट और शाइस्ता खान।

इन रचनाओं के लिए मिला ये पुरुस्कार 

निसार आजम पहले युवा लेखक थे, जिन्हें 2011 में उनके कविता संग्रह 'पथलेज जोन दर्स' के लिए यह पुरस्कार मिला था। वहीं, फारूक शाहीन को उनकी साहित्यिक आलोचना 'गश मिलर' के लिए 2012 में सम्मानित किया गया था, जबकि सबा शाहीन को 2013 में उनके कविता संग्रह 'वोला कियाल रवि' के लिए सम्मानित किया गया था। इनके अलावा निगहत साहिबा को 2015 में उनके कविता संग्रह 'जरदपंख डियर' के लिए युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जबकि आदिल मोहिउद्दीन को 2016 में उनकी पुस्तक 'जोल डथ सरदार' के लिए पुरस्कार मिला था। 

साथ ही सागर नजीर ने 2017 में अपने कविता संग्रह 'थार अंगंच' के लिए पुरस्कार जीता, जबकि अगले वर्ष दीबा नजीर को उनके कथा संग्रह 'जरीन झोम' के लिए सम्मानित किया गया। कश्मीरी भाषा में काम के लिए 2020 का युवा पुरस्कार मुजफ्फर अहमद प्रार्थना को उनके कविता संग्रह 'वौच बाथ' के लिए दिया गया, जबकि 2021 में यह पुरस्कार उनके कथा संग्रह 'येला' के लिए रजी ताहिर भगत ने जीता। 2022 में शाहिस्ता खान ने अपने साहित्यिक संग्रह 'ब्रांड बीर पीठ' के लिए युवा पुरस्कार जीता।

ये सब मिलता है पुरुस्कार के रूप में

आपको जानकरी के लिए बता दें कि पुरुस्कार में 50,000 रुपये का नकद इनाम और एक तांबे की उत्कीर्ण पट्टिका शामिल है। प्रख्यात लेखक और रिसर्चर मोहम्मद सलीम सालिक के मुताबिक, युवा पुरस्कार देने से युवा लेखकों में कश्मीरी भाषा के प्रति इंटरेस्ट बढ़ा है। उनका कहना है कि युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए साहित्य अकादमी द्वारा यह एक स्वागत योग्य कदम है। यह लेखकों को ज्यादा प्रेरणा देता है और उन्हें अपनी भाषा में गुणवत्तापूर्ण साहित्य तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement