Thursday, May 02, 2024
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अखिलेश यादव का ऐलान, यूपी में सरकार बनी तो किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख मुआवजा देंगे

समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वादा किया कि सत्ता में वापसी होने पर वह किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को 25 लाख की सम्मान राशि देंगे। यह एक ऐसा चुनावी दांव है जो अगर कामयाब रहा तो उन्हें विधानसभा चुनावों में बड़ा फायदा हो सकता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 24, 2021 16:51 IST
Akhilesh promises Rs 25L compensation to kin of farmers who died during farm laws protest if SP wins- India TV Hindi
Image Source : PTI अखिलेश यादव ने वादा किया कि सत्ता में वापसी होने पर वह किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को 25 लाख की सम्मान राशि देंगे।

Highlights

  • अखिलेश ने कहा कि किसानों के आश्रितों को 25 लाख रुपये 'किसान शहादत सम्मान राशि' के रूप में दिये जाएंगे।
  • अखिलेश ने किसानों को बधायी देते हुये कहा था कि सरकार किसानों से घबराकर इन कानूनों को वापस ले रही है।
  • तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद भी आंदोलनरत किसान धरने पर बैठे है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वादा किया कि सत्ता में वापसी होने पर वह किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को 25 लाख की सम्मान राशि देंगे। यह एक ऐसा चुनावी दांव है जो अगर कामयाब रहा तो उन्हें विधानसभा चुनावों में बड़ा फायदा हो सकता है। उन्होंने ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अगर सपा की सरकार बनी तो कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मरे किसानों के आश्रितों को 25 लाख रुपये 'किसान शहादत सम्मान राशि' के रूप में दिये जाएंगे। 

अखिलेश ने ट्वीट किया, "किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी।"

इससे पहले उन्होंने तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिये किसानों को बधायी देते हुये कहा था कि सरकार किसानों से घबराकर इन कानूनों को वापस ले रही है । उन्होंने कहा था, ‘‘मैं इसका पूरा श्रेय देश भर के किसानों को दे रहा हूं । किसानों की मदद करनी चाहिये। समाजवादी पार्टी की मांग है कि केंद्र सरकार एमएसपी के लिये कानून लाये।’’ सपा अध्यक्ष ने कहा, ''जिन लोगों ने माफी मांगी है वह लोग हमेशा के लिये राजनीति छोड़ने का भी वचन दें। जिस तरह तीन काले कानून वापस हुये हैं, उससे साफ है कि सरकार डर गयी हैं,और वोट के लिये कानून वापस हुये हैं।'' 

यादव ने कहा, ‘'सरकार की नजर में किसान किसान नहीं है, किसानों को कितना अपमानित किया गया, क्या क्या नहीं सुनना पड़ा। जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, कोई कल्पना भी नही कर सकता कि अन्नदाता के लिये यह शब्द भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं, वह भारतीय जनता पार्टी ने इस्तेमाल किये। उनके सहयोगी और साथियों ने हर मौके पर किसानों को अपमानित किया है । इसकी सामूहिक जिम्मेदारी होती हैं इसलिये सरकार को इस्तीफा देना चाहिये।''

बता दें कि मोदी सरकार ने भले ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी हो, मगर आंदोलनरत किसान अब भी धरने पर बैठे है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में जनसभा की। जिसमें बीकेयू प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत समेत तमात किसान नेता पहुंचे थे। 

राकेश टिकैत ने MSP का मुद्दा जोरों से उठाते हुए कहा कि किसान आंदोलन में 'शहीद' हुए 750 किसानों के परिजनों को समुचित मुआवजा, उनकी स्मृति में एक राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने, आन्दोलन के दौरान किसानों और उनके नेताओं पर दर्ज मुकदमों की वापसी तक किसान डटे रहेंगे। 

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