Wednesday, April 17, 2024
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‘पलटन’ के ट्रेलर लॉन्च पर चीन के विश्वासघात को लेकर बोले फिल्मकार जे.पी. दत्ता

जे.पी. दत्ता के निर्देशन में बनी आगामी फिल्म ‘पलटन’ को लेकर पिछले कुछ वक्त से काफी चर्चा चल रही है। दत्ता वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध को एक 'विश्वासघात' मानते हैं।

India TV Entertainment Desk Edited by: India TV Entertainment Desk
Published on: August 04, 2018 7:01 IST
JP Dutta- India TV Hindi
JP Dutta

मुंबई: बॉलीवुड फिल्मकार जे.पी. दत्ता के निर्देशन में बनी आगामी फिल्म ‘पलटन’ को लेकर पिछले कुछ वक्त से काफी चर्चा चल रही है। दत्ता वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध को एक 'विश्वासघात' मानते हैं। दत्ता से पूछा गया कि भारतीय फिल्म निर्माता जिस तरह से भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर फिल्में बनाते रहे हैं, उस तरह से भारत-चीन युद्ध को लेकर फिल्में क्यों नहीं बनती। इस पर उन्होंने कहा, "चीन ने हमसे केवल 1962 में युद्ध किया था। लेकिन जब आप युद्ध के बारे में अध्ययन करेंगे तो आपको एहसास होगा कि यह युद्ध नहीं था। उन्होंने पांच बजे पूर्वाह्न् भारतीय सीमा पर हमला किया और दो घंटे में 600 भारतीय सैनिकों का नरसंहार कर दिया। इसलिए यह एक प्रकार का युद्ध नहीं है, जहां आपको लड़ने के लिए बराबर का मौका दिया जाता है। इसलिए मैं इसे युद्ध नहीं मानता हूं... यह एक प्रकार का विश्वासघात था।"

दत्ता अपनी फिल्म 'पलटन' के ट्रेलर के लॉन्च पर मीडिया से बात कर रहे थे। उनके साथ फिल्म अभिनेता अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, हर्षवर्धन राणे, गुरमीत चौधरी, सिद्धार्थ कपूर, लव सिन्हा, मोनिका गिल, अनु सोनल चौहान, दीपिका कक्कड़, संगीतकार अनु मलिक और निर्माता निधि दत्ता भी गुरुवार को मुंबई में हुए ट्रेलर लॉन्च के मौके पर मौजूद थे। ‘बार्डर’ जैसी सुपरहिट फिल्म बनाने वाले दत्ता ने कहा, "यह एक प्रकार का विश्वासघात था, क्योंकि जब माओत्से तुंग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के चेयरमैन बने, तो भारत पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाईना को मान्यता देने वाला पहला देश था। भारत पहला देश था जिसने संयुक्त राष्ट्र संघ को कहा था कि चीन को विश्व निकाय का हिस्सा बनाए।" उन्होंने कहा, "पश्चिमी देश चीन को शामिल करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चीन को संयुक्त राष्ट्र का अंग बनाने की पहल की थी।"

दत्ता ने कहा कि नेहरू ने शायद यह इसलिए किया होगा क्योंकि उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वह हमारे साथ कभी भी बुरा करेंगे।  ‘रिफ्यूजी’ (2000) से अभिषेक बच्चन को हिंदी फिल्म सिनेमा में लॉन्च करने वाले दत्ता ने कहा कि जब वह 'पलटन' की कास्टिंग कर रहे थे, तो उन्होंने एक बार फिर अभिषेक बच्चन को फिल्म में लेने के लिए सोचा, लेकिन फिल्म में काम करने के लिए कथित रूप से वादा करने के बाद उन्होंने फिल्म छोड़ दी। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर दत्ता ने कहा, "कृपया आगे बढ़िए और अभिषेक से बात कीजिए और मुझे भी इसका कारण जानने दीजिए, क्योंकि मैं खुद इस बारे में नहीं जानता।" दत्ता इस फिल्म के साथ ही 12 वर्षो बाद वापसी कर रहे हैं। इससे पहले उनके निर्देशन में बनी अंतिम फिल्म 'उमराव जान' थी।

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