साधारण बॉलीवुड फिल्मों की भीड़ में 'उफ्फ ये सियापा' एक ताजी हवा के झोंके की तरह है। यह संवादहीन फिल्म साबित करती है कि कहानी कहने के लिए शब्दों की जरूरत नहीं होती। जी अशोक के कुशल निर्देशन और लव रंजन के निर्माण में बनी यह फिल्म एक असाधारण और यादगार अनुभव प्रदान करती है। आज फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म में दमदार एक्टर्स को टोली है, जिसमें नुसरत भरूचा, सोहम शाह सोहम शाह, शरीब हाशमी के नाम शामिल हैं।
कैसी है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी एक आम आदमी, केसरी लाल सिंह के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी जिंदगी एक छोटी सी गलतफहमी के बाद पूरी तरह उलट-पुलट हो जाती है। 'तुम्बाड' जैसी गंभीर फिल्मों के लिए मशहूर सोहम शाह ने यहां एक बिलकुल अलग अवतार में खुद को साबित किया है। केसरी के रूप में उनका हाव-भाव भरा और शारीरिक कॉमेडी से भरपूर अभिनय यह दिखाता है कि वे हर तरह के किरदार को कितनी सहजता से निभा सकते हैं।
कैसी है एक्टिंग?
बाकी कलाकारों का प्रदर्शन भी सराहनीय है। नुसरत भरूचा ने पुष्पा के चुनौतीपूर्ण किरदार को बड़ी ख़ूबसूरती से निभाया है, जो कई मुश्किलों से गुजरती है। एक हास्य भूमिका में उनकी बहुमुखी प्रतिभा देखने लायक है। नोरा फ़तेही ने कामिनी के किरदार में ग्लैमर का तड़का लगाया है, और उनकी स्क्रीन पर मौजूदगी कहानी में एक अलग ही रंग भर देती है। वहीं, शरीब हाशमी ने गुंगरा के रूप में एक प्रभावी भूमिका निभाई है और नुसरत के साथ उनकी जुगलबंदी विशेष रूप से मजेदार है।
एआर रहमान का म्यूजिक
एआर रहमान की मनमोहक और दिल को छू लेने वाली धुनें इस बेतुकी और डार्क कॉमेडी की कहानी को और भी शानदार बनाती हैं। फिल्म का संगीत सिर्फ बैकग्राउंड में नहीं बजता, बल्कि यह खुद एक किरदार बनकर कहानी को आगे बढ़ाता है और भावनाओं को गहराई देता है।
क्यों देखें ये फिल्म?
'उफ्फ ये सियापा' मूक सिनेमा की ताकत का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह आपको परदे पर फैले पागलपन और लगातार आने वाले मोड़ों के बीच भी शांति का एहसास कराती है, और अपनी अनूठी मौलिकता से न सिर्फ आपका मनोरंजन करती है, बल्कि आपको अंदर तक प्रभावित भी करती है। क्रिटिक्स को ये फिल्म पसंद आई है और 3.5 स्टार रेटिंग दी गई है।