
चीन ने पिछले दिनों रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसकी वजह से भारत की कई इंडस्ट्री प्रभावित हो सकती है। इंडस्ट्री बॉडी ELCINA ने चीन द्वारा रेयर अर्थ मेटल्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की वजह के ऑडियो सेगमेंट में काम करने वाले 21 हजार लोगों की नौकरी खतरे में आ गई है।
चीन ने इस साल अप्रैल में रेयर अर्थ मेटल्स में से 7 एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिनमें टर्बियम और डिस्प्रोसियम जैसे एलिमेंट्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल हाई परफॉर्मेंस NdFeB (नियोडाइमियम-आयरन-बोरोन) मैग्नेट बनाने के लिए किया जाता है। इस मैग्नेट का इस्तेमाल कई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम में किया जाता है, जिनमें कई ऑडियो प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
क्या होते हैं रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REM)?
रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) को रेयर अर्थ मेटल्स या रेयर अर्थ भी कहा जाता है। इन्हें लैंथेनाइड्स भी कहा जाता है। दुनिया में कुल 17 सॉफ्ट हैवी मैटल्स होते हैं, जिन्हें रेयर अर्थ एलिमेंट्स में शामिल किया गया है। इनका इस्तेमाल कई तरह के इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स में किया जाता है। इसके अलावा लेजर, ग्लास, मैग्नेटिक मैटिरिल्य और कई तरह के इंडस्ट्री प्रोसेस में भी ये एलिमेंट्स यूज होते हैं। इन्हें रेयर अर्थ मैटल्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्हें क्रस्ट से अलग होने में काफी समय लगा है।
ये हैं रेयर अर्थ मैटल्स
- स्कैन्डियम (Sc)
- यट्टरियम (Y)
- लैंथेनम (La)
- सीरियम (Ce)
- प्रेसियोडिमियम (Pr)
- नियोडायमियम (Nd)
- प्रोमैथियम (Pm)
- सेमेरियम (Sm)
- यूरोपियम (Eu)
- गैडोलिनियम (Gd)
- टर्बियम (Tb)
- डिस्प्रोसियम (Dy)
- होलमियम (Ho)
- अर्बियम (Er)
- थूलियम (Tm)
- यट्टरबियम (Yb)
- ल्यूटेसियम (Lu)
इन 7 रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर लगा प्रतिबंध
- सेमेरियम (Sm)
- ल्यूटेसियम (Lu)
- स्कैन्डियम (Sc)
- यट्टरियम (Y)
- डिस्प्रोसियम (Dy)
- टर्बियम (Tb)
- गैडोलिनियम (Gd)
सेमेरियम (Sm) का इस्तेमाल हेडफोन्स, ऑप्टिकल लेजर और न्यूक्लियर रिएक्टर में होता है।
ल्यूटेसियम (Lu) खास तौर पर कैंसर की थेरेपी, इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ-साथ हाइड्रोकार्बन को तोड़ने के लिए इस्तेमाल होता है।
स्कैन्डियम (Sc) का इस्तेमाल रसियन MIG फाइटर प्लेन, हाई एंड साइकिल फ्रेम और बेसबॉल बैट के लिए किया जाता है।
यट्टरियम (Y) को LED लाइट्स बनाने, लेजर, कैमरा लेंस, कैंसर ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाता है।
डिस्प्रोसियम (Dy) मुख्य तौर पर टर्बाइन, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, न्यूक्लियर रिएक्टर कंट्रोल रॉड्स में इस्तेमाल होता है।
टर्बियम (Tb) को लो एनर्जी लाइट बल्ब, मरकरी लैंप और मेडिकल एक्स-रे में यूज किया जाता है।
गैडोलिनियम (Gd) का इस्तेमाल मैग्नेट बनाने, कैंसर ट्यूमर डायग्नोसिस और डेटा स्टोरेज में किया जाता है।
कौन से सेक्टर्स होंगे प्रभावित?
रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर चीनी प्रतिबंध के बाद मॉडर्न इंडस्ट्रीज काफी प्रभावित होंगी। खास तौर पर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, जिनमें ऑडियो और LED बल्ब मैन्युफैक्चरिंग बुरी तरह से प्रभावित होंगे। यही नहीं, तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मार्केट भी थम जाएगा। साथ ही, डिफेंस टेक्नोलॉजी, कैंसर ट्रीटमेंट्स आदि में भी इसकी वजह से दिक्कत आ सकती है।
चीन पर पूरी तरह निर्भरता
रेयर अर्थ एलिमेंट्स प्रोड्यूसर कंट्री में चीन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, अमेरिका, म्यंमार, नाइजीरिया और रूस का नाम आता है, लेकिन इसमें चीन की हिस्सेदारी 90% है। भारत ने 2024 में 2900 मिट्रिक टन रेयर अर्थ एलिमेंट्स प्रोड्यूस किया था। वहीं, चीन के रेयर अर्थ एलिमेंट्स का प्रोडक्शन इस दौरान 2.7 लाख मिट्रिक टन रहा है, जबकि अमेरिका ने महज 45,000 मिट्रिक टन रेयर अर्थ एलिमेंट्स प्रोड्यूस किया था।
क्या भारत की ऑडियो इंडस्ट्री हो जाएगी बर्बाद?
इंडस्ट्री की मानें तो रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर चीन द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंध की वजह से ऑडियो इंडस्ट्री के 5000 से 6000 डायरेक्ट और 15,000 इनडायरेक्ट नौकरियां खतरे में आ सकती हैं। खास तौर पर दिल्ली से सटे नोएडा और दक्षिण भारत के स्पीकर और ऑडियो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का सप्लाई चेन खराब हो सकता है।
ELCIMA के मुताबिक,इस सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले लगभग 100% रेयर अर्थ एलिमेंट्स चीन से ही इंपोर्ट किए जाते हैं। चीन के प्रतिबंध लगाने के बाद मैग्नेट्स की कीमत में 5 से 7% तक का इजाफा हो गया है। इंडस्ट्री बॉडी का कहना है कि इस मामले में अब सरकार को दखल देते हुए G2G यानी गवर्मेंट-टू-गवर्मेंट डायलॉग की पहल करी चाहिए। यही नहीं, सेमीकंडक्टर ट्रेड चैनल की तरह ही रेयर अर्थ मैग्नेट्स के लिए भी लोकल रिसर्च और डेवलपमेंट की जरूरत है।
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