वक्त आ गया जब हवा में घुलने लगता है जहर, शरीर को लड़ने के लिए कर लें तैयार, ऐसे करें फेफड़ों को मजबूत
वक्त आ गया जब हवा में घुलने लगता है जहर, शरीर को लड़ने के लिए कर लें तैयार, ऐसे करें फेफड़ों को मजबूत
Delhi NCR Air Pollution: अक्टूबर का महीना आते ही दिल्ली एनसीआर में धुंध की चादर बिछने लगती है। पिछले कुछ सालों में दिवाली से पहले दमघोंटू स्थिति पैदा होने लगी है। अब एक बार फिर दिल्ली एनसीआर की हवा में जहर घुलने लगा है। जानिए कैसे इस मौसम में खुद को स्वस्थ रखें और फेफड़ों को मजबूत बनाएं?
Written By : Sajid Khan AlviEdited By : Bharti SinghPublished : Sep 30, 2024 12:15 IST, Updated : Sep 30, 2024 12:15 IST
होशियार..खबरदार..सावधान... फिर दिल्ली-NCR का AQI होने वाला है 300 पार। फिर चेहरों पर आएंगे मास्क। उखड़ने लगेगी लोगों की सांस। जी हां, क्योंकि राजधानी की हवा फिर से ज़हरीली होनी शुरू हो गई है। 99 दिनों बाद पॉल्यूशन लेवल डेंजर ज़ोन में आने लगा है। इसकी वजह है धू धू कर जलती पराली। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है तो वहीं दिल्ली सरकार स्मॉग की चादर से बचने के लिए अलर्ट मोड पर आ गई है। तभी तो दिल्ली गवर्नमेंट ने विंटर एक्शन प्लान अभी से लागू कर दिया है। प्रदूषण की निगरानी स्पेशल टास्क फोर्स करेगी। ड्रोन से नज़र रखी जाएगी। लेकिन AQI लगातार खतरनाक होता जा रहा है, जिसका सेहत पर भी खतरा बढ़ रहा है।
इसलिए खबरदार सब लोग अलर्ट पर रहें और पॉल्यूशन बढ़ने से रोकें। वरना हवा में मौजूद प्रदूषण के कण फेफड़ों में तो जमते ही है खून में मिलकर शरीर के दूसरे ऑर्गन्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे अस्थमा, सीओपीडी, हार्ट के मरीज़ों पर तो खतरा चौगुना होता है। सेहतमंद लोगों की भी परेशानी बढ़ जाती है। मैं आपको बता दूं कि 24 घंटे के अंदर 10 हज़ार लीटर हवा सांस के जरिए फेफड़ों तक जाती है और बाहर निकलती है। ऐसे में हवा में घुला जहर, बैक्टीरिया, वायरस लंग्स को आसानी से शिकार बना लेते हैं। अस्थमा और दूसरे सांस के रोग बढ़ जाते हैं। ऐसे मरीजों का वक्त पर इलाज ना लें तो जान पर भी बन आती है।
इसलिए लगातार छींक और खांसी आए, सांस लेने में दिक्कत हो, गले में घरघराहट, सीने में दर्द-जकड़न महसूस हो या चलने-फिरने में तेज़ी से सांस फूले तो तुरंत टेस्ट कराएं। हो सकता है ये लंग्स इंफेक्श के लक्षण हों। एयर पॉल्यूशन की वजह से दुनियाभर में ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी तेज़ी से बढ़े हैं। रिसर्च से पता चला है कि दुनियाभर में ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली मौतों और डिसएबिलिटी में 14% मामले हवा में घुले ज़हर की वजह से होते हैं। इसलिए जरूरी है कि लंग्स-हार्ट, ब्रेन सहित पूरे शरीर को इतना ताकतवर बना लें कि प्रदूषण के हर हमले को बेअसर कर पाएं। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे प्रदूषण से बचें और फेफड़ों को मजबूत बनाएं?
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