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आपने भी लगवायी है कोविशील्ड? तो क्या आपको चिंता करने की ज़रूरत है?

कोविशील्ड के दुर्लभ दुष्प्रभावों के बारे में एस्ट्राजेनेका की स्वीकारोक्ति ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये दुर्लभ मामले हैं, और टीका लगवाने के लाभ किसी भी संभावित जोखिम से कहीं अधिक हैं।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : May 01, 2024 7:00 IST, Updated : May 01, 2024 14:12 IST
एस्ट्राजेनेका ने माना कि उसकी कोविशील्ड से टीटीएस हो सकता है।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL एस्ट्राजेनेका ने माना कि उसकी कोविशील्ड से टीटीएस हो सकता है।

कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में यह स्वीकार किया है कि उनके द्वारा बनाई गयी वैक्सीन कोविशील्ड के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।इस वजह से कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोग काफी चिंतित हैं। ऐसे में हम यह जानेंगे कि जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है तो क्या उसे अपनी सेहत और साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंता करने की ज़रूरत है? वैक्सीन बनाना एक बेहद मुश्किल प्रक्रिया है, जिसमें कई टेस्ट और ट्रायल करने पड़ते हैं। हालांकि, सभी सावधानियों को फॉलो करने के बाद भी वैक्सीन के कोई कोई छोटे-मोटे साइड इफेक्ट सामने ही सकते हैं। 

एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड भी इससे अलग नहीं है। कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन से कुछ लोगों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) नामक बीमारी हो सकती है. जिसमें दुर्लभ खून के थक्के जमने लगते है। यूरोपीय औषधि एजेंसी (ईएमए) ने यह बताया है कि वैक्सीन लेने वाले कुछ लोगों में खून के थक्कों के कुछ मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले 60 साल से कम उम्र की महिलाओं में पाए गए थे. ऐसे में यह खबर लोगों के दिमाग में भय पैदा कर सकती है, लेकिन यह हमे समझना जरूरी है कि ये बेहद दुर्लभ मामले हैं। ईएमए ने कहा है कि वैक्सीन के फायदे अभी भी जोखिमों से ज़्यादा हैं, और इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि कोविशील्ड ही खून के थक्कों का कारण बन रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह भी कहा है कि घबराने और वैक्सीन का इस्तेमाल बंद करने की जरूरत नहीं है।

क्या आपको चिंता करनी चाहिए?

हमने बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ विनित बांगा से बात कि तो उन्होंने कहा कोविड-19 वैक्सीन के बारे में चिंताडर और चिंता होना नॉर्मल है, लेकिन विश्वसनीय जानकारी पर भरोसा करना जरूरी है। कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों के सुरक्षा के लिए बेहद सावधानी और कठोर परीक्षण किया गया है। कोवैक्सिन एक निष्क्रिय विषाणु वैक्सीन है, वहीं कोविशील्ड एक विषाणु वेक्टर वैक्सीन है। दोनों ही वैक्सीन कोरोना जैस गंभीर बीमारी को रोकने में असरदार रहे है।"

दुष्प्रभाव क्या हैं?

जहां तक सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का सवाल है, दोनों टीकों के लगने के बाद  इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, बुखार, थकान, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। लेकिन ये कुछ दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं और ये इस बात का संकेत हैं कि शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना रहा है। 

क्या कोवैक्सिन कोविशील्ड से बेहतर है?

आखिर में, कोवैक्सिन और कोविशील्ड के बीच का चुनाव कई स्वास्थ्य संबंधी विचारों जैसे कारकों पर निर्भर हो सकता है। लेकिन निर्णय लेने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों से परामर्श करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरणों के मार्गदर्शन का पालन करना महत्वपूर्ण है। अंत में, टीकाकरण करवाना एक व्यक्तिगत निर्णय है जिसे सभी तथ्यों पर विचार करने और अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करने के बाद लिया जाना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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