
एंबुलेंस का शोर, स्ट्रेचर, अस्पताल, ICU, बड़ी बड़ी मशीनें और रुक रुक डराती धड़कन की आवाज़, हर कोई इन सबको अपनी ज़िंदगी से कोसो दूर रखना चाहता है। लेकिन आजकल लोगों की उम्र बढ़ने के साथ तमाम तरह के टेस्ट कराने के लिए कभी डायग्नोस्टिक सेंटर तो कभी अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। क्योंकि आजकल लोगों का लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है कि पता ही नहीं चलता कब कौन सी बीमारी गले पड़ जाए। ऐसे में अगर डिजीज़ की जानकारी देर से हो तो कई बार मामूली रोग भी जानलेवा बन जाता है। जैसे किडनी की बीमारी जो एक साइलेंट टाइम बम की तरह होती है। जब तक बम ब्लास्ट ना हो तब तक टिक टिक की आवाज़ तक नहीं आती।
किडनी हमारे शरीर का ऐसा ऑर्गन है, जो उम्र के साथ कमज़ोर पड़ने लगता है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे किडनी के नेफ्रॉन यानि फिल्टरिंग यूनिट्स की गिनती कम होने लगती है। जिससे गुर्दों की कपैसिटी घटती है। जन्म के वक्त एक किडनी में 10 लाख नेफ्रॉन होते हैं। यानि दोनों में 20 लाख, जो शरीर में खून को साफ करने का काम करते हैं। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इन नेफ्रॉन्स की घटती संख्या से किडनी पर प्रेशर बढ़ जाता है।
किडनी की बीमारी कैसे होती हैं?
शुगर-बीपी जैसी बीमारियां इस दबाव को और ज्यादा कर देती है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ कई लोगों की किडनी में फैट जमा होने लगता है। जो गुर्दो की कार्य क्षमता पर असर डालता है। इसके अलावा जैसे जैसे लोग बुज़ुर्ग होते हैं। वैसे वैसे बॉडी में मेटाबॉलिक बदलाव होते हैं। इससे भी किडनी पर प्रेशर बढ़ता है और ब्लड वेसल्स सख्त हो जाते हैं। गुर्दों की ये सारी परेशानियां शुरू में नज़र नहीं आती हैं और जब तक लक्षण दिखते हैं। तब तक मामला सीरियस हो चुका होता है। फिर दो ही ऑप्शन बचते है पहला डायलिसिस और दूसरा ट्रांसप्लांट। किडनी फेल्योर की कंडीशन में तो कोई ऑप्शन नहीं बचता, लेकिन अगर आपने योग का ऑप्शन अपना लिया तो ना तो डायलिसिस की ज़रूरत पड़ेगी, ना ट्रांसप्लांट की नौबत आएगी। इससे आपकी किडनी सदा हेल्दी रहेंगी।
किडनी के 3 बड़े दुश्मन
- डायबिटीज़
- मोटापा
- हाइपरटेंशन
किडनी खराब की क्या है पहचान?
- थकान
- पैरों में सूजन
- बार-बार पेशाब आना
- सांस की दिक्कत
- कमरदर्द
- नींद की कमी
किडनी के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल
- जल्दी उठें
- योग करें
- हेल्दी डाइट लें
- तला भुना ना खाएं
- पूरी नींद लें
- दिन में 4 लीटर पानी पीएं
स्वस्थ शरीर पाने के लिए क्या खाएं?
- खाना गर्म और फ्रेश खाएं
- भूख से कम खाना खाएं
- खाने में भरपूर सलाद शामिल करें
- मौसमी फल ज़रूर खाएं
- खाने में दही-छाछ शामिल करें
स्वस्थ शरीर पाने के लिए किन चीज़ों से बचें
- चीनी
- नमक
- चावल
- रिफाइंड
- मैदा
किडनी प्रॉब्लम में डाइट प्लान
- कुलथ की दाल खाएं
- गौखरू का काढ़ा पीएं
- जौ का दलिया खाएं
- साग-सब्जी ज्यादा लें
- मक्के के रेशे का काढ़ा पीएं
किडनी प्रॉब्लम में पत्थरचट्टा कारगर
- पत्थरचटा के 5 पत्ते
- सुबह-शाम खाएं
नेचुरल उपायों से किडनी को बनाएं हेल्दी
- किडनी - गोखरू का काढ़ा
- आंख - आंवला-एलोवेरा जूस
- लिवर - सर्वकल्प क्वाथ काढ़ा
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)