हमारी हड्डियां शरीर की नींव हैं, ये न केवल शरीर को आकार और मजबूती देती हैं, बल्कि मांसपेशियों, जोड़ों और अंगों को सहारा भी प्रदान करती हैं। दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट आर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन, डॉ. अनिल रहेजा, कहते हैं कि उम्र बढ़ने, खानपान की कमी, और जीवनशैली की अनियमितताओं के कारण बोन डेंसिटी घटने लगता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और गठिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दो पोषक तत्व विटामिन डी और कैल्शियम हड्डियों की सुरक्षा और गठिया की रोकथाम में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं।
कैल्शियम है हड्डियों की मजबूती का आधार
कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न, थकान और चलने-फिरने में असुविधा जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। खासकर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण कैल्शियम का अवशोषण घट जाता है, जिससे हड्डियां तेजी से कमजोर होती हैं। इसलिए दूध, दही, पनीर, तिल, बादाम, पालक, सोया और रागी जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बेहद जरूरी है।
विटामिन डी है कैल्शियम के अवशोषण की कुंजी
अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है, तो कैल्शियम का उपयोग सही तरीके से नहीं हो पाता। विटामिन डी शरीर को आंतों के माध्यम से कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है और हड्डियों तक इसे पहुंचाने का काम करता है। यह विटामिन हड्डियों के निर्माण और मरम्मत में भी अहम भूमिका निभाता है। विटामिन डी की कमी से रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया और गठिया जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
भारत में विटामिन डी की कमी आम है, क्योंकि लोग धूप में कम समय बिताते हैं या शरीर को पूरी तरह ढककर रखते हैं। रोजाना सुबह की हल्की धूप में 15–20 मिनट तक रहना विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। इसके अलावा अंडे की जर्दी, मछली (सैल्मन, टूना), दूध और विटामिन डी युक्त सप्लीमेंट्स भी लाभकारी होते हैं।
गठिया में इन दोनों पोषक तत्वों की भूमिका
गठिया में जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न होती है। इसमें हड्डियों का घिसाव होता है। विटामिन डी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। वहीं कैल्शियम हड्डियों के क्षय को रोकता है और दर्द को कम करने में सहायक होता है। यदि इन दोनों पोषक तत्वों का संतुलन बना रहे, तो हड्डियां मजबूत रहेंगी, गठिया का खतरा घटेगा और उम्र बढ़ने के बावजूद शरीर सक्रिय और लचीला बना रहेगा।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।