
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) एक हार्मोन है जो मुख्य रूप से पुरुषों में पाया जाता है। यह हार्मोन पुरुषों में ताकत और शारीरिक क्षमता बढ़ाने को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से पुरुषों की यौन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, आपको बता दें यह हार्मोन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही बेहद ज़रूरी है। पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है, जबकि महिलाओं को इसकी कम मात्रा की आवश्यकता होती है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से अंडकोष, अंडाशय और अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) में होता है। टेस्टोस्टेरोन यौन कार्यों को रेगुलेट करने, मसल्स मांस को बनाने, हड्डियों के घनत्व, चेहरे के बाल, गहरी आवाज और स्पर्म प्रोडक्शन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सलुब्रिटास मेड सेंटर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नैंसी नागपाल बता रही हैं कि शरीर में कम या ज़्यादा टेस्टोस्टेरोन होने से क्या होता है और पुरुषों और महिलाओं में इसका सामान्य लेवल कितना होना चाहिए?
कम या ज़्यादा टेस्टोस्टेरोन होने से क्या होता है?
कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से मूड में बदलाव, सेक्स ड्राइव में कमी, मांसपेशियों का कम होना, बालों का झड़ना, त्वचा का कमज़ोर होना, याददाश्त से जुड़ी समस्याएँ और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। वहीं दूसरी ओर, हाई टेस्टोस्टेरोन के स्तर से मूड स्विंग, आक्रामकता, बांझपन, बालों का झड़ना, शरीर पर अत्यधिक बाल उगना, थकान, मुंहासे और हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
पुरुषों और महिलाओं में कितना होना चाहिए टेस्टोस्टेरोन?
पुरुषों में सामान्य टेस्टोस्टेरोन रेंज 300 से 1000 नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर (एनजी/डीएल) के बीच होती है, जो उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। 20-24 वर्ष की आयु के पुरुषों के लिए, यह सीमा 409-558 एनजी/डीएल है; 25-29 वर्ष के लिए, यह 413-575 एनजी/डीएल है; 30-34 वर्ष के लिए, 390-498 एनजी/डीएल; 35-39 वर्ष के लिए, 350-478 एनजी/डीएल; और 40-44 वर्ष के लिए, 350-473 एनजी/डीएल। महिलाओं में, सामान्य सीमा बहुत कम है, आमतौर पर 15-17 एनजी/डीएल, और मासिक धर्म के चरण या मासिक धर्म चक्र के विशिष्ट दिन के आधार पर स्तर भिन्न हो सकते हैं।