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World Vitiligo Day 2024: विटिलिगो होने पर बॉडी में दिखने लगते हैं ये लक्षण, डॉक्टर से जानें सफ़ेद दाग के कारण और बचाव के उपाय

अगर हाथ-पैरों पर सफेद धब्बे दिखाई दे रहे हैं तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर से जानें विटिलिगो के सामन्य लक्षण और बचाव के उपाय?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jun 25, 2024 19:58 IST, Updated : Jun 25, 2024 20:03 IST
World Vitiligo Day - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL World Vitiligo Day

कई बार हमारे स्किन पर सफेद दाग-धब्बे नज़र आने लगते हैं।शुरू में हम इन धब्बों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं और हमे लगते है कि ये खुद ब खुद ठीक हो जाएंगे। बस हम यही गलती कर बैठते हैं! दरअसल, अगर किसी के भी हाथ-पैरों पर सफेद धब्बे दिखाई दे रहे हैं तो उसे बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। शरीर पर सफ़ेद दाग-धब्बों की शरुआत स्किन डिजीज विटिलिगो का संकेत हो सकता है। आकाश हेल्थकेयर हॉस्पिटल में स्किन एक्सपर्ट डॉ. श्वेता मनचंदा हमे बता रही हैं विटिलिगो के सामन्य लक्षण और बचाव के उपाय?

क्या है विलिटिगो?

विटिलिगो यानी सफेद दाग एक त्वचा से जुड़ी बीमारी है। त्वचा का रंग बनाने वाले सेल्स मेलानोसाइट्स जब नष्ट हो जाते हैं या काम करना बंद कर देते हैं तब विलिटिगो की समस्या शुरू होती है। इस सेल्स की कमी की वजह से त्वचा पर सफेद दाग या धब्बे बनने लगते हैं। सफ़ेद दाग की यह समस्या लोगों को किसी भी उम्र में हो सकती है

विलिटिगो के लक्षण:

विटिलिगो का प्रमुख लक्षण है। शरीर पर छोटे या बड़े सफेद दाग धब्बे दिखाई देना। यह धब्बे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर यह चेहरे, हाथ, पैर और कमर पर ज़्यादा फैलते हैं। सफेद दाग से पीड़ित मरीजों को इस वजह से कोई परेशानी तो नहीं होती है पर कभी-कभी दाग पर खुजली होती है।

क्या हैं विटिलिगो के कारण?

विटिलिगो के कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है पर रिसर्च में कुछ ऐसे फैक्टर्स पाए गए हैं जिससे इसकी सम्भावना बढ़ जाती है। विटिलिगो त्वचा में मेलेनिन नामक पिगमेंट की कमी के कारण होता है। मेलानोसाइट्स मेलेनिन नाम का पिगमेंट बनाते हैं जिससे स्किन को कलर मिलता है। जब इसमें किसी प्रकार की परेशानी होती है तब विटिलिगो की समस्या हो सकती है। जब ऑटोइम्यूनिटी यानी मरीजों की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी गलती से अपने खुद के सेल्स पर हमला कर देती है तब भी यह समस्या हो सकती है.  साथ ही यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। जिसका मतलब है परिवार में किसी को अगर यह रोग है तो फैमिली मेंबर्स को होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। उसके अलावा स्ट्रेस, थायराइड प्रॉब्लम और विटमिन डी डिफिशिएंसी की वजह से भी यह समस्या बढ़ती है

कैसे करें विटिलिगो से बचाव?

विटिलिगो से बचाव के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ अच्छी आदतें अपना सकते हैं- जैसे बैलेंस डाइट लेना। प्रोटीन रिच फूड आइटम जो विटामिन और मिनिरल्स से भरपूर हो। स्किन पर किसी भी छोटे से पैच को इग्नोर ना करना और समय पर ट्रीटमेंट कराना। स्ट्रेस यानी तनाव जितना हो सके उतना कम लेना। चोटों से बचना, सनस्क्रीन लगाना, सन प्रोटेक्शन अच्छी रखना इत्यादि।

 

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