Friday, April 26, 2024
Advertisement

सीमा विवाद: असम पुलिस ने 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिये मिजोरम के सांसद को तलब किया

असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की ''साजिश'' में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 30, 2021 20:22 IST
सीमा विवाद: असम पुलिस ने 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिये मिजोरम के सांसद को तलब किया - India TV Hindi
Image Source : PTI सीमा विवाद: असम पुलिस ने 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिये मिजोरम के सांसद को तलब किया 

नयी दिल्ली। असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की ''साजिश'' में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है। असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से ''भड़काऊ'' बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ ''कानूनी कार्रवाई'' भी कर सकती है। उस हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वह वहां नहीं मिले। सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए नोटिस को प्राप्त करने से इनकार कर दिया, इसलिए सीआईडी टीम ने उनके आवास पर नोटिस चिपकाया है। 

असम पुलिस के नोटिस में कहा गया है, ''पता चला है कि आपने घटना के संबंध में मीडिया में सिविल और पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाते हुए धमकी भरा बयान दिया है जो जांच का विषय है। इसलिए, तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ की जानी है।'' मिजोरम के सांसद को असम के कछार जिले के ढोलई पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के सामने एक अगस्त को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। मिजो छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल ने असम सरकार पर संगठन के पूर्व अध्यक्ष वनलालवेना को ''धमकी'' देने का आरोप लगाया। 

एमजेडपी ने एक लिखित बयान में कहा, ''उन्हें असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के संबंध में विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपित किया गया है और फंसाया गया है। उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भी इसकी जानकारी दी जाए।'' सूत्रों ने कहा कि पुलिस को किसी सांसद का बयान दर्ज करने के लिए अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन किसी सांसद को गिरफ्तार करने से पहले उनकी अनुमति की आवश्यकता होती है। 

बता दें कि, संसद के बाहर वनलालवेना ने बीते बुधवार को कथित तौर पर कहा था, “200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने हमारे क्षेत्र में प्रवेश किया और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को हमारी ही चौकियों से पीछे धकेल दिया और हमसे से पहले उन्होंने फायरिंग के आदेश दिए। वे भाग्यशाली हैं कि हमने उन सभी को नहीं मारा। यदि वे फिर आएंगे, तो हम उन सबको मार डालेंगे।” पिछले सोमवार को मिजोरम पुलिस की ओर से असम के अधिकारियों की एक टीम पर की गई गोलीबारी में असम पुलिस के पांच जवानों और एक आम व्यक्ति की मौत हो गई थी। साथ ही एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement