Thursday, March 28, 2024
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चंद्रयान-3 परियोजना पर काम शुरू, सरकार ने संसद से 75 करोड़ रु आवंटित करने की मांगी मंजूरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अनुदान की पूरक मांग संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘नई परियोजना अर्थात चंद्रयान-3 के व्यय को पूरा करने के लिये 15 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।’’ 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: December 01, 2019 15:51 IST
Chandrayaan isro- India TV Hindi
Image Source : PTI PHOTO (FILE) प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। सरकार ने चंद्रयान-3 परियोजना की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिये संसद से 75 करोड़ रुपये आवंटित करने की मंजूरी मांगी है। संसद में पेश वर्ष 2019-20 की पूरक अनुदान मांगों के दस्तावेज से यह जानकारी प्राप्त हुई है। चालू वित्त वर्ष के लिए अनुदान मांगों के पहले बैच के तहत सरकार ने अंतरिक्ष विभाग के मद में नई परियोजना चंद्रयान-3 के लिये उक्त धनराशि आवंटित करने की संसद से मंजूरी मांगी है। ये धनराशि दो श्रेणियों में मांगी गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अनुदान की पूरक मांग संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘नई परियोजना अर्थात चंद्रयान-3 के व्यय को पूरा करने के लिये 15 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘नई परियोजना अर्थात चंद्रयान-3 के संदर्भ में मशीनरी और उपकरण तथा अन्य पूंजीगत व्यय के लिये 60 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।’’

इससे पहले अंतरिक्ष विभाग ने एक बयान में कहा था, ‘‘चंद्रयान 3 के बारे में आवश्यक प्रौद्योगिकी दक्षता के लिए इसरो ने चांद अन्वेषण का एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को अंतरिक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। विशेषज्ञ समिति के अंतिम विश्लेषण और अनुशंसाओं के आधार पर, भविष्य के चांद मिशन के लिए कार्य प्रगति पर है।’’

चंद्रयान-3 परियोजना के संदर्भ में लैंडिग साइट, लोकल नेविगेशन सहित अन्य बिन्दुओं पर काम शुरू हो गया है और इस संबंध में एक बैठक भी हुई है। हाल ही में दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन से जब पूछा गया कि क्या इसरो चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग का फिर से प्रयास करेगा, तो उन्होंने कहा था, ‘निश्चित तौर पर।’’ इसरो प्रमुख ने कहा था, ‘‘चंद्रयान-दो कहानी का अंत नहीं है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हमारी योजनाओं के तहत आदित्य एल-1 सौर मिशन और इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के कार्यक्रम पर काम चल रहा है।

कुछ दिन पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि इस बार रोवर, लैंडर और लैंडिंग की सभी प्रक्रियाओं पर ध्यान देने के साथ ही चंद्रयान-2 में जो भी खामियां रहीं हैं, उन्हें सुधारने पर जोर रहेगा। गौरतलब है कि सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 के लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सात साल तक काम करता रहेगा।

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