Saturday, May 04, 2024
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चीन पर भारत का पलटवार, कहा- उसके ‘भड़काऊ व्यवहार’ से पूर्वी लद्दाख में शांति बाधित हुई

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी द्विपक्षीय समझौतों के उलट यथास्थिति को बदलने के चीनी पक्ष के एकतरफा प्रयासों एवं भड़काऊ व्यवहार के कारण शांति एवं स्थिरता में बाधा आई। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा।’’

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 24, 2021 20:52 IST
चीन के ‘भड़काऊ व्यवहार’ से पूर्वी लद्दाख में शांति बाधित हुई: भारत- India TV Hindi
Image Source : ANI चीन के ‘भड़काऊ व्यवहार’ से पूर्वी लद्दाख में शांति बाधित हुई: भारत

नयी दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को चीन के नए बयानों को खारिज कर दिया जिसमें उसने गलवान घाटी में संघर्ष के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बदलने के लिए चीनी पक्ष के ‘‘भड़काऊ व्यवहार एवं एकतरफा’’ प्रयासों के कारण पर्वतीय क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बाधित हुई। चीन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीनी कार्रवाई से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा है। 

चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बीजिंग में फिर से दावा किया कि गलवान घाटी में संघर्ष इसलिए हुआ क्योंकि भारत ने ‘‘चीन के क्षेत्र का अतिक्रमण’’ किया और सभी समझौतों का उल्लंघन किया।

चीन के नए बयान पर बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम इस तरह के बयानों को खारिज करते हैं। पूवी लद्दाख में पिछले वर्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुए घटनाक्रम पर हमारा रुख स्पष्ट एवं सतत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी द्विपक्षीय समझौतों के उलट यथास्थिति को बदलने के चीनी पक्ष के एकतरफा प्रयासों एवं भड़काऊ व्यवहार के कारण शांति एवं स्थिरता में बाधा आई। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा।’’ 

गलवान घाटी में पिछले वर्ष जून में चीनी सैनिकों के साथ भीषण झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जो दशकों बाद दोनों पक्षों के बीच गंभीर सैन्य झड़प थी। चीन ने फरवरी में आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में उसके पांच अधिकारी मारे गए, जबकि माना जाता है कि मरने वाले चीनी सैनिकों की संख्या काफी अधिक थी। बागची ने कहा, ‘‘इस महीने की शुरुआत में चीन के विदेश मंत्री के साथ भारत के विदेश मंत्री की बैठक में कहा गया कि हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान के लिए काम करेगा।’’ 

विदेश मंत्री एस.जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने दुशांबे में पिछले हफ्ते एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन और भारत के बीच एलएसी के इलाके में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। झाओ ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष गलवान घाटी की घटना इसलिए हुई कि भारत ने सभी समझौतों का उल्लंघन किया और चीनी जमीन पर अतिक्रमण किया तथा अवैध रूप से रेखा को पार किया।’’ वांग के साथ 16 सितंबर की बैठक में जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करना चाहिए।

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