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नक्सलियों ने अगवा CRPF कोबरा कमांडो को रिहा किया, पत्नी ने बताया जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी का दिन

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा कब्जे में लिए गए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले नक्सलियों की तरफ से दो पेज का बयान जारी कर कहा गया था कि सीआरपीएफ का कोबरा कमांडो उनके कब्जे में ह

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Apr 08, 2021 06:01 pm IST, Updated : Apr 08, 2021 10:39 pm IST
CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas kidnapped by Naxals during Bijapur attack, released- India TV Hindi
Image Source : CRPF छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा कब्जे में लिए गए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो को रिहा कर दिया गया है।

बीजापुर: छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा कब्जे में लिए गए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो को रिहा कर दिया गया है। वहीं, कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई पर उनकी पत्नी ने इस अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी का दिन बताया। इससे पहले नक्सलियों की तरफ से दो पेज का बयान जारी कर कहा गया था कि सीआरपीएफ का कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास उनके कब्जे में है। प्रतिबंधित कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) ने बयान जारी कर कहा कि 3 अप्रैल को हुए एनकाउंटर के बाद से लापता जवान उनके कब्जे में है। नक्सलियों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बातचीत के लिए मध्यस्त की घोषणा के बाद ही सीआरपीएफ के कमांडो को छोड़ा जाएगा।

बुधवार को ही नक्सलियों ने कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की एक तस्वीर जारी की थी और बताया था कि वे कुशलपूर्वक हैं। तस्वीर में राकेश्वर सिंह मन्हास ताड़ के पत्तों से बनी झोपड़ी में बैठे हुए नजर आ रहे थे। CRPF ने राकेश्वर सिंह मन्हास की तस्वीर की पुष्टि की थी। तस्वीर में राकेश्वर सिंह पूरी तरह से स्वस्थ दिख रहे थे। नक्सलियों ने बुधवार को दिन में तस्वीर जारी की थी।

आपको बता दें कि मंगलवार को जारी बयान में छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कहा है कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है और उन्होंने जवान की रिहाई के लिए सरकार से मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की थी।

माओवादियों ने स्वीकार किया था कि मुठभेड़ में उनके चार साथी भी मारे गए हैं। माओवादियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया। माओवादियों ने बयान में कहा था कि एक जवान को बंदी बनाया गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।

3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया था और उस हमले में सीआरपीएफ के 22 जनवान शहीद हो गए थे। नक्सली जवानों के कई हथियार भी छीनकर ले गए थे। इस हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बीजापुर जाकर घायल जवानों का हाल जाना था और साथ में यह भी कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

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