Tuesday, April 30, 2024
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कोविड-19 को लेकर सावधान रहें, अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं: वी.के. पॉल

नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि सावधान रहें क्योंकि अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं और गतिविधियों को अनलॉक करने से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 23, 2021 17:17 IST
Dr VK Paul, Niti Aayog member- India TV Hindi
Image Source : ANI FILE PHOTO Dr VK Paul, Niti Aayog member

नयी दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि सावधान रहें क्योंकि अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं और गतिविधियों को अनलॉक करने से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की नौ जुलाई को हुई बैठक में उन्होंने सुझाव दिए कि राजधानी में किसी भी तरह की यात्रा पाबंदियां लगाने से पहले महानगर की सरकार केंद्र से संपर्क करे। डॉ. पॉल ने कहा कि ‘‘अनलॉक करने की गतिविधियों से मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है।’’ 20 जुलाई को बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया गया। 

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) ने कहा, ‘‘अगले तीन महीने महत्वपूर्ण हैं, हमें सावधान रहने की जरूरत है।’’ मुख्य सचिव विजय देव ने कोरोना वायरस के वैरिएंट डेल्टा प्लस की 12 राज्यों में मौजूदगी की बात कही और पूर्वोत्तर भारत में ज्यादा संक्रमण दर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने पहले कुछ पाबंदियां लगाई थीं जैसे आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाना आवश्यक किया गया था। 

पॉल ने सुझाव दिया ‘‘दिल्ली से जुड़ी अंतरराज्यीय यात्रा पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने से पहले भारत सरकार की सलाह लेना चाहिए क्योंकि यह देश की राजधानी है।’’ डीडीएमए की बैठक की अध्यक्षता करने वाले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सुझाव दिया कि नेगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट मांगने के बजाए टीकाकरण प्रमाण पत्र को मानक बनाया जाना चाहिए क्योंकि इससे टीकाकरण को बढ़ावा भी मिलेगा। 

बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 प्रबंधन की नीतियां डीडीएमए बनाता है। मुख्य सचिव देव ने बैठक में निजी सेक्टर के पास बिना इस्तेमाल के टीकों का भंडार पड़े होने का मुद्दा उठाया। पॉल ने सुझाव दिए कि दिल्ली प्रशासन इस तरह के टीका भंडार को खरीदने सहित विकल्पों की तलाश कर सकता है और समाज के खास वर्ग के जल्द टीकाकरण पर ध्यान दे सकता है। 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् के डॉ. समीरन पांडा ने डीडीएमए से कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर ‘‘ दूसरी लहर जितनी घातक होने की संभावना नहीं है।’’उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों ने दूसरी लहर में अलग-अलग तरह से स्थिति का सामना किया। डॉ.पांडा ने कहा कि संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज किए जाने चाहिए। 

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