नई दिल्ली: झारखंड के जमशेदपुर में एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों पर ऐसी आफत बरस पड़ी कि एक साथ 200 लड़कियों ने स्कूल ही नहीं छोड़ा बल्कि पढ़ाई से भी नाता तोड़ दिया। इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के स्कूल छोड़ने के बावजूद स्कूल प्रशासन इस मसले पर गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
जमशेदपुर से लगभग 50 किमी दूर सरायकेला जिले में लड़कियों ने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि स्कूल में पर्याप्त संख्या में शौचालय नहीं हैं। सरकार की तरफ से संचालित इस कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में 220 छात्राएं पढ़ रही थीं लेकिन शौचालय मात्र पांच हैं। शौचालय की कमी के कारण छात्राओं को मजबूरन खेतों में जाना पड़ता था। जहां स्थानीय लड़के उनके साथ छेड़छाड़ करते थे।
छात्राओं और उनके अभिभावकों के कई बार शिकायत करने के बाद भी स्कूल प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो बीते सोमवार अभिभावकों ने बैठक कर ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के लिए शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लड़कियों के स्कूल छोड़ने का फैसला लिया।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। मामले की जांच कर रही टीम छात्राओं के स्कूल छोड़ने के मामले को शौचालय की कमी से नहीं जोड़ना चाहती।
स्कूल प्रशासन ने शिकायत की, स्कूल में बाउंड्री दीवार नहीं है, इससे स्थानीय लड़के लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं। इतना ही नहीं रात में कई बार लड़कियों के हॉस्टल में पत्थर भी फेंकते हैं। इस स्कूल में 12वीं तक के स्टूडेंट पढ़ते हैं।
हाल ही में स्कूल की वॉर्डन अनीता बेरी ने ईचागढ़ पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई और छेड़छाड़ के मामलों की जांच करने की गुजारिश की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर इस इलाके में पेट्रोलिंग बढ़ा दी।