नयी दिल्ली: देश के आर्थिक सुधार की दिशा में सबसे बड़े कदम करार दिए जा रहे वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर लोकसभा में चर्चा शुरु हो गई है। बिल पर चर्चा के लिए सरकार ने करीब 7 घंटे का समय रखा है ताकि सभी दलों के सांसदों को अपना पक्ष रखने का भरपूर अवसर मिल सके। यह भी हो सकता है कि चर्चा 7 घंटे से भी ज्यादा हो इसलिए बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल और लंच ब्रेक नहीं होगा।
इससे पहले वित्त मंत्री ने इस बिल के तकनीकी पहलुओं को भाजपा सांसदों के बीच रखा। जीएसटी बिल को देश के लिए अहम करार देते हुए जेटली ने कहा कि इसे संसद में सर्वसम्मति से पारित करवाने का प्रयास होगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जीएसटी प्रणाली लागू करने से जुड़े विधेयक साझी सम्प्रभुत्ता के सिद्धांत पर आधारित है और सरकार इन ऐतिहासिक कर सुधारों को आम सहमति से पारित कराना चाहती है।
ये भी पढ़ें
दिल्ली: MCD चुनाव में केजरीवाल को जवाब देने आएंगे योगी आदित्यनाथ
ममता ने योगी शासन पर उठाए सवाल, 'धर्मिक भेदभाव से लोगों में डर'
आखिर 9 दिन में क्यों बदली CM आवास के बाहर लगी नेम प्लेट? जानिए
जेटली ने भाजपा सांसदों को जीएसटी प्रणाली लागू किये जाने संबंधी लोकसभा में पेश चार विधेयकों के बारे में बताया जिन पर आज सदन में विचार किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान जेटली ने पार्टी सांसदों से कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से पूरे देश में एक राष्ट्र, एक कर की प्रणाली लागू हो जायेगी।
जमीनों के पट्टा शुल्क, किराये पर एक जुलाई से लगेगा जीएसटी
जमीन के पट्टे के शुल्क, भवन किराये पर देने तथा निर्माणाधीन मकानों की खरीद के लिए चुकाई जाने वाली ईएमआई पर भी एक जुलाई से वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) लगेगा लेकिन जमीन व भवनों की बिक्री इसके दायरे में नहीं आएगी। इस तरह के सौदों पर स्टांप शुल्क की व्यवस्था पहले की ही तरह जारी रहेगी। इसी तरह बिजली को भी जीएसटी के दायरे से अलग रखा गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार जीएसटी का कार्यान्वयन एक जुलाई 2017 से करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। सभी केंद्रीय उत्पाद, सेवा कर व राज्य वैट तथा तैयार सामान व सेवाओं पर लगने वाले अन्य अप्रत्यक्ष कर इसमें शामिल हो जाएंगे।
वर्तमान स्वरूप में जीएसटी विधेयक मंजूर नहीं: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस को जीएसटी विधेयक वर्तमान स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है किन्तु पार्टी इस मामले में सतर्कतापूर्ण ढंग से आगे बढ़ेगी ताकि उसे इस महत्वपूर्ण कर सुधार उपाय के विरोधी के रूप में नहीं देखा जाए। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों की एक महत्वपूर्ण रणनीति बैठक में तय किया गया कि जीएसटी विधेयकों के बारे में जनता की चिंताओं को उठाया जाए और आवश्यक संशोधन के लिए कहा जाए। उन्होंने पार्टी सांसदों से कहा कि वे संकट में घिरे किसानों का मुद्दा संसद में उठाएं और कृषि ऋण माफी की मांग करें।