4: अयूब खान और जनरल मूसा खान
अक्टूबर 1958 में मोहम्मद अयूब खान पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति बने थे। इसके पहले वह पाकिस्तानी आर्मी के जनरल और कमांडर इन चीफ रह चुके थे। बाद में वह फील्ड मार्शल अयूब खान भी कहलाए थे। अब मुद्दे की बात पर आते हैं। 1962 में भारत युद्ध में चीन से हार चुका था और भारतीय सेना का मनोबल बुरी तरह टूटा हुआ थ। 1964 में नेहरू की मृत्यु हो गई थी और देश की बागडोर कमजोर-सा दिखने वाले लाल बहादुर शास्त्री नाम के शख्स ने संभाल रखी थी।
अयूब खान। (फोटो: यूट्यूब)
अयूब खान और तत्तकालीन जनरल मूसा खान को लगा कि यही भारत पर आक्रमण कर कश्मीर हथियाने का सही समय है। पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना पर हमला बोल दिया और शुरू में उसे कुछ बढ़त मिली भी। पर जब भारतीय जवानों ने पूरी ताकत के साथ जंग लड़ी तो पाकिस्तानी सैनिकों को भागने की भी जगह नहीं मिली। जिन पेटन टैंकों पर पाकिस्तानियों को नाज था, उन्हें भारतीय सैनिकों ने खिलौना बनाकर रख दिया। इस लड़ाई में भारत को भी खासा नुकसान हुआ लेकिन पाकिस्तान की कमर भी टूटी और अयूब खान का घमंड तो बुरी तरह चकनाचूर हो गया।