Thursday, May 02, 2024
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पढ़ें, ये ‘जहरीले जनरल’ करते रहे हैं पाकिस्तान को कंट्रोल

पाकिस्तानी हुक्मरान अक्सर कहते रहे हैं कि वह भारत से हजार साल तक लड़ने की ताकत रखते हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे ही बयानों पर हमला बोलते हुए कहा कि हजार साल तक लड़ने की बात करने वाले कबके काल में समा गए।

IndiaTV Hindi Desk IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 24, 2016 21:47 IST

3: जनरल याह्या खान
1971 की जंग के समय पाकिस्तान की सत्ता एक तानाशाह जनरल के हाथों में थी। वह जनरल पाकिस्तान के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर आतंक मचाए हुए था। इस शख्स का नाम था याह्या खान और इसके इशारे पर पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना आतंक का भयानक खेल दिखा रही थी। लाखों शरणार्थी भारत आ रहे थे और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे थे। अभी भारत इनसे निपटने की तैयारियां कर ही रहा था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत पर भी हमला कर दिया।

Ayub Khan | Youtube photo

Ayub Khan | Youtube photo

याह्या खान। (फोटो: यूट्यूब)

लेकिन भारत इस हमले के लिए पूरा तरह तैयार था। भारत ने पाकिस्तानी सेना को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की मुक्तिवाहिनी के साथ मिलकर आसानी से धूल चटा दी। पाकिस्तान को इस युद्ध में जितना जलील होना पड़ा उतना शायद ही कभी विश्व इतिहास में कोई हुआ हो। पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी को भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष अपने 90 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण करना पड़ा। इस प्रकार याह्या खान नाम का एक और ‘जहरीला जनरल’ अपने इरादों में नाकाम रहा।

1971 indo pakistan war. AP photo

1971 indo pakistan war. AP photo

जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण करते नियाजी। (फोटो: AP)

​पाकिस्तान के अगले 'जहरीले जनरल' ने भारत को कुछ ज्यादा ही कमजोर आंक लिया था...

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