Thursday, May 02, 2024
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5अप्रैल की रात 9 बजे स्ट्रीट लाइट्स जलती रहेंगी, ग्रिड फेल होने का अंदेशा गलत: ऊर्जा मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी द्वारा 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों के लाइट स्वीच ऑफ करने के आह्वान पर तरह-तरह की शंकाओं के बीच ऊर्जा मंत्रालय ने आज स्थिति स्पष्ट की है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर लोग केवल घरों की बत्तियां बंद रखेंगे जबकि स्ट्रीट लाइट रोजाना की तरह जलती रहेगी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 04, 2020 17:01 IST
5अप्रैल की रात 9 बजे स्ट्रीट लाइट्स जलती रहेंगी, ग्रिड फेल होने का अंदेशा गलत: ऊर्जा मंत्रालय- India TV Hindi
5अप्रैल की रात 9 बजे स्ट्रीट लाइट्स जलती रहेंगी, ग्रिड फेल होने का अंदेशा गलत: ऊर्जा मंत्रालय

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी द्वारा 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों के लाइट स्वीच ऑफ करने के आह्वान पर तरह-तरह की शंकाओं के बीच  ऊर्जा मंत्रालय ने आज स्थिति स्पष्ट की है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर लोग केवल घरों की बत्तियां बंद रखेंगे जबकि स्ट्रीट लाइट रोजाना की तरह जलती रहेगी। वहीं ऊर्जा मंत्रालय ने इन शंकाओं को भी खारिज किया है कि अचानक बत्तियां गुल होने से ग्रिड फेल हो सकता है। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि लोग घरों में अन्य बिजली के उपकरण चालू रखेंगे केवल बत्तियां 9 मिनट के लिए बुझाई जाएंगी इसलिए एक साथ लाइट स्वीच ऑफ होने से ग्रिड फेल होने की आशंका गलत है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से स्थानीय निकायों को भी कहा गया है कि पब्लिक सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए स्ट्रीट लाइट्स को ऑफ नहीं करना है।

मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि देश की बिजली ग्रिड व्यवस्था मजबूत है और मांग में अंतर की स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त उपाय किये गये हैं।  ऊर्जा सचिव संजीव नंद सहाय ने प्रधानमंत्री की अपील के बारे में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों/बिजली सचसचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है, ‘‘ नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर ने उस दौरान ग्रिड के संतुलन के लिये उपाय किये हैं और वे इस बारे में रिजनल और राज्य लोड डिस्पैच सेंटरों को अलग से सूचना दे रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संदेश में पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक बिजली बंद करने और दीया जलाकर, टार्च या मोबाइल से रोशनी करने की अपील की। 

इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री की ‘लाइट बंद’ करने की अपील का विरोध किया है।जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘पांच अप्रैल को रात नौ बजे से नौ मनिट के लिये लाइट बंद करने के आह्वान का ग्रिड और उसके परिचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। मुझे उम्मीद है कि इसका समुचित रूप से ध्यान रखा जाएगा।’’ इस बात को लेकर चिंता है कि देश में ‘लॉकडाउन ’ के कारण बिजली की मांग पहले से कम है, ऐसे में अचानक खपत ‘गिर जाने’ होने से क्या ग्रिड स्थिर रह सकता है? या नौ मिनट बाद मांग एकदम बढने से ‘ब्लैकआउट’ (बिद्युत प्रवाह ठप होने) की स्थिति की आशंका नहीं है? 

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने केवल पांच अप्रैल को अपने घरों में लाइट यानी बल्ब और ट्यूबलाइट रात नौ बजे से 9.09 तक करने को कहा है। इसमें स्ट्रीट लाइट या कंप्यूटर, टीवी, पंखे, रेफ्रिजरेटर और एसी बंद करने कोई आह्वाहन नहीं किया गया है। केवल लाइट बंद रहेंगी। अस्पतालों, पुलिस स्टेशन, विनिर्माण इकाइयों आदि जैसे जरूरी जगहों पर लाइट पहले की तरह जलती रहेंगी। प्रधानमंत्री ने केवल घरों में बल्ब और ट्यूबलाइट बंद करने को कहा है। सभी स्थानीय निकायों को लोगों की सुरक्षा के लिये सड़कों पर जलने वाली लाइट जलाये रखने को कहा गया है। इस बीच, राज्य लोड डिस्पैच सेंटर और बिजली पारेषण कंपनियां ग्रिड की स्थिरता को लेकर काम कर रही हैं। कंपनियों ने इससे किसी प्रकार की समस्या नहीं आने को लेकर भरोसा जताया है। 

बिजली मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, ‘‘आपदा के समय भी उतार-चढ़ाव को ग्रिड झेलती है और स्थिर रहती है। और ये स्थिति तो पहले से पता है। ऐसे में पावर ग्रिड और दूसरी एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं और उन्हें ग्रिड को स्थिर बनाये रखने का पूरा भरोसा है।’’ 

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