Thursday, December 11, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. क्या हम सच में टाइगर को बचा रहे हैं, जानिए क्या है महज़ 6 महीनों में 74 बाघों की मौत का रहस्य?

क्या हम सच में टाइगर को बचा रहे हैं, जानिए क्या है महज़ 6 महीनों में 74 बाघों की मौत का रहस्य?

हम देश में 'सेव टाइगर्स' का कैंपेन चला रहे हैं, लेकिन ज़मीन पर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उसे देखर नहीं लगता कि ये कैंपेन काम कर रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस साल एक जनवरी से 15 जुलाई तक देश में कुल 74 बाघों की मौत हुई है।

Reported By : PTI Edited By : Sushmit Sinha Published : Jul 24, 2022 02:30 pm IST, Updated : Jul 24, 2022 02:30 pm IST
Are we really saving the tiger?- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Are we really saving the tiger?

Highlights

  • क्या है महज़ 6 महीनों में 74 बाघों की मौत का रहस्य?
  • क्या हम सच में टाइगर को बचा रहे हैं?
  • सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में मरे

हम देश में 'सेव टाइगर्स' का कैंपेन चला रहे हैं, लेकिन ज़मीन पर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उसे देखर नहीं लगता कि ये कैंपेन काम कर रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस साल एक जनवरी से 15 जुलाई तक देश में कुल 74 बाघों की मौत हुई है। इनमें से मध्य प्रदेश में 27 बाघ मरे हैं, जो इस अवधि के दौरान किसी भी राज्य में मारे गए बाघों की संख्या से अधिक है।

एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां इस अवधि के दौरान 15 बाघों की मौत हुई, जबकि इसके बाद कर्नाटक में 11, असम में पांच, केरल और राजस्थान में चार-चार, उत्तर प्रदेश में तीन, आंध्र प्रदेश में दो और बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में एक-एक बाघ की मौत हुई है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ बाघों की मौत अवैध शिकार के कारण एवं करंट लगने से हुई है, जबकि कुछ बाघों की मृत्यु प्राकृतिक कारणों जैसे बीमारी, आपसी लड़ाई, वृद्धावस्था आदि से हुई है।

मध्य प्रदेश को प्राप्त है ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा

मध्य प्रदेश जिसको ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा मिला हुआ है, देश में उसकी स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। 31 जुलाई 2019 को जारी हुई राष्ट्रीय बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018 के अनुसार, 526 बाघों के साथ मध्यप्रदेश ने ‘टाइगर स्टेट’ का अपना खोया हुआ प्रतिष्ठित दर्जा कर्नाटक से आठ साल बाद फिर से हासिल किया है। राज्य में छह बाघ अभयारण्य हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय डुबरी शामिल हैं। बाघों की मौत की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘प्रयत्न’ के संस्थापक अजय दुबे कहते हैं, ‘‘पन्ना में करीब 10 साल पहले कोई बाघ नहीं था। उसके बाद, एनटीसीए ने राज्यों को सलाह दी कि वे खासकर शिकारियों से बाघों की सुरक्षा के लिए अपने स्वयं के विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ) स्थापित करें।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने एसटीपीएफ का समर्थन करने के लिए बजटीय प्रावधान किए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने अपने निहित स्वार्थों के कारण अब तक इसका गठन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि यह बल स्थापित हो जाता, तो यह अवैध शिकार के अलावा, अवैध खनन और वन क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई जैसी अन्य गतिविधियों पर भी रोक लगाता। दुबे ने यह भी कहा कि कर्नाटक, ओडिशा एवं महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने एसटीपीएफ बनाए हैं और उनके परिणाम दिखाई भी दे रहे हैं क्योंकि कर्नाटक में बाघों की बड़ी आबादी होने के बावजूद मध्य प्रदेश की तुलना में वहां बाघों की मृत्यु दर कम है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव जे एस चौहान ने कहा, ‘‘देश के किसी भी राज्य से मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या अधिक है। यही कारण है कि प्रदेश में सबसे अधिक बाघों की मृत्यु हुई है, जो स्वाभाविक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाघों के बीच इलाके के लिए हुई आपसी लड़ाई को टाला नहीं जा सकता है क्योंकि यह उनके लिए प्राकृतिक प्रक्रिया है। वृद्धावस्था भी बाघों की मौत के लिए एक और कारण है।’’ चौहान ने कहा कि वन विभाग केवल अवैध शिकार को रोकने की कोशिश कर सकता है और वह ऐसा करने का प्रयास हमेशा करता है। एसटीपीएफ के गठन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश इसके लिए मंजूरी देने वाला पहला राज्य था, लेकिन अभी तक कुछ कारणों के चलते इसका गठन नहीं किया गया है। चौहान ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान प्रदेश की कई बाघिनों ने बाघ शावकों को जन्म दिया है और वर्तमान में राज्य में 120 से अधिक बाघ शावक हैं, जिनकी उम्र एक वर्ष से कम है।

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement