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अरुणाचल समेत इन राज्यों में नहीं लागू होगा CAA, जानें क्या है इसका कारण

रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए को पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। इनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल हैं।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Mar 12, 2024 6:49 IST, Updated : Mar 12, 2024 14:17 IST
केंद्र सरकार ने लागू किया CAA- India TV Hindi
Image Source : PTI केंद्र सरकार ने लागू किया CAA

बीते सोमवार की शाम भारत सरकार की ओर से केंद्र में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। आपको बता दें कि इस कानून से केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों, जिसमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देगी। हालांकि, इस कानून के दायरे से कुछ राज्यों को अलग रखा गया है। आइए जानते हैं कौन हैं ये राज्य और क्यों मिली है इन्हें CAA से छूट।

पूर्वोत्तर राज्यों में नहीं लागू होगा सीएए

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएए को पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। इनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, लागू हुए सीएए कानून को उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) की आवश्यकता होती है। 

इन राज्यों को भी छूट

आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। अधिकारियों ने नियमों के हवाले से कहा कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं। 

इन कागजों की मदद से मिल जाएगी नागरिकता

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये शरणार्थियों को सबे पहले खुद को इन तीन देशों में से किसी का निवासी साबित करना होगा। इसके लिए वह वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, वहां के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, वहां की सरकार की तरफ से जारी किए गए किसी भी तरह के प्रमाण पत्र या लाइसेंस, जमीन के दस्तावेज समेत कुछ भी ऐसे कागज दिखाने पड़ेंगे, जिससे यह साबित हो सके कि वह पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगनिस्तान के प्रताड़ित गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं। (इनपुट: भाषा)

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