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दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में तेज भूकंप, नेपाल में मकान गिरने से 6 लोगों की मौत

बुधवार रात लगभग 2 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई। घटना में नेपाल के दोती जिले में 6 लोगों के मारे जाने की खबर है। भूकंप का केंद्र नेपाल में धरती से 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Nov 09, 2022 02:32 am IST, Updated : Nov 09, 2022 06:47 am IST
दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई। इस घटना में नेपाल के दोती जिले में मकान गिरने से 6 लोगों के मौत की खबर है। भूकंप के झटके रात क़रीब 1:57 बजे महसूस किए गए।

वहीं इससे पहले भी मंगलवार देर शाम को भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा के करीब था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.9 मापी गई थी। जानकारी के अनुसार, यहां भूकंप के झटके लगभग 9 बजे आए थे।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

भूकंप आने पर क्‍या करें, क्या न करें

  • भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
  • बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
  • कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
  • भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
  • अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
  • कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
  • खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
  • गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।

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