Highlights
- अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वैली जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए
- जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं
- गौरतलब है कि आज मिजोरम में भी 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था
ईटानगर/गुवाहाटी: अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वैली जिले में शुक्रवार को 4.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव दानी सालू ने कहा कि जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। एनसीएस की ओर से कहा गया कि रात आठ बजकर 48 मिनट पर भूकंप आया जिसका केंद्र पंगीन से 94 किलोमीटर दूर उत्तर-उत्तरपूर्व में जमीन की सतह से नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। सालू ने कहा, “भूकंप के बाद जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।” गौरतलब है कि आज मिजोरम में भी 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
मिजोरम में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया
मिजोरम में शुक्रवार को 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि राजधानी आइजोल समेत राज्यभर में झटके महसूस किये गए , लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। एनसीएस की वेबसाइट के अनुसार, भूकंप अपराह्न तीन बजकर 42 मिनट पर आया और उसका केंद्र मिजोरम के चंपई जिले से 58 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में म्यांमा की सीमा के पास जमीन से 60 किलोमीटर नीचे स्थित था।
जानिए भूकंप आने पर आपको क्या करना चाहिए?
- भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
- बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
- भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
- अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
- कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
- खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
- गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।
जानिए रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता जब इतनी हो, तो उसका क्या होता है असर:
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
- 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
- 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
- 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।