Sunday, December 15, 2024
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जाते-जाते 2 लोगों की आंखों को नई रोशनी दे गए पूर्व CM, अब दुनिया देख सकेंगे दोनों मरीज

एक वरिष्ठ डॉक्टर ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिन दोनों व्यक्तियों में पूर्व सीएम का कॉर्निया प्रतिरोपित किया गया है, उनमें से एक पुरुष और एक महिला है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Aug 09, 2024 23:32 IST, Updated : Aug 09, 2024 23:32 IST
Buddhadeb Bhattacharjee, Buddhadeb Bhattacharjee Death- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL 2 लोगों की आंखों को नई रोशनी मिली।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के कॉर्निया को 2 व्यक्तियों में सफलतापूर्वक प्रतिरोपित किया गया है। इस तरह इन दोनों मरीजों को फिर से रोशनी मिल जाएगी। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिन दोनों व्यक्तियों में कॉर्निया प्रतिरोपित किया गया है, उनमें से एक पुरुष और एक महिला है। दोनों को कॉर्निया की दिक्कत थी। क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉक्टर असीम कुमार घोष ने कहा कि गुरुवार की रात को की गई सर्जरी सफल रही और दोनों मरीज अब ठीक हो रहे हैं।

अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ी थी भारी भीड़

डॉक्टर ने भट्टाचार्य के फैसले की प्रशंसा की और इसे एक प्रेरणादायक कार्य बताया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को कोलकाता में उनके निवास पर 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। CPM के राज्य मुख्यालय में शुक्रवार को उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे। भट्टाचार्य को साम्यवादी विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और राज्य के औद्योगिकीकरण के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। शोक संतप्त लोगों में से कुछ ने नम आंखों से जबकि कइयों ने मुट्ठी बांधकर लाल सलामी के जरिये भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि दी।

बंगाल के आखिरी वामपंथी CM रहे भट्टाचार्य

बता दें कि बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपने राज्य में औद्योगीकरण के लिए पूंजीवादियों को लुभाने के वास्ते अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता तक की परवाह नहीं की थी। बेदाग छवि वाले भट्टाचार्य को 2011 में राज्य में 34 साल के वामपंथी शासन के पतन के लिए भी याद रखा जाएगा। भट्टाचार्य के परिवार में उनकी पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं। हाल के वर्षों में अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद, भट्टाचार्य बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में एक सम्मानित व्यक्ति बने रहे। भट्टाचार्य 2000 में ज्योति बसु के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने और 2011 तक इस पद पर बने रहे। (भाषा)

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