Sunday, December 21, 2025
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अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर कितना है खतरनाक, जिससे दुश्मन भी डरते हैं, एयरफोर्स के बाद अब आर्मी को भी मिलने वाला है

लंबे समय से भारतीय सेना को अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का इंतजार था। हालांकि इस महाने के अंत तक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलावरी हो जाएगी। बता दें कि यह हेलीकॉप्टर बेहद खतरनाक और कारगर है।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Jul 04, 2025 01:23 pm IST, Updated : Jul 04, 2025 01:39 pm IST
How dangerous is the Apache fighter helicopter after the Air Force now the Indian Army is also going- India TV Hindi
Image Source : PTI अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर कितना है खतरनाक

ऑपरेशन सिंदूर के सफलता के बाद भारतीय सेना अब पश्चिमी सीमा पर अपनी युद्ध तत्परता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस दिशा में लंबे समय से प्रतीक्षित अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी का पहला बैच इस महीने आर्मी एविएशन कोर को सौंप दिया जाएगा। इंडिया टुडे में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, 15 महीने की अधिक की देरी के बाद, लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए जाने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्र में सेना की हमला करने की क्षमता और युद्ध के मैदान में तेजी बढ़ेगी। बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास अपाचे हेलीकॉप्टर पहले से मौजूद है। वर्तमान में अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की डिलीवरी भारतीय थलसेना को दी जाएगी। 

15 महीने से स्क्वाड्रन कर रही अपाचे हेलीकॉप्टर का इंतजार

बता दें कि आर्मी एविएशन कोर की ओर से मार्च 2024 में जोधपुर में अपाचे स्क्वाड्रन मार्च को स्थापित किया गया था। लेकिन इसकी स्थापना के बावजूद 15 महीनों से स्क्वाड्रन के पास अपाचे हेलीकॉप्टर्स नहीं थे। भारत को अमेरिका से कुल 6 अपाचे AH-64E मिलने वाले हैं। पहले तीन हेलीकॉप्टरों के बैच को पिछले साल मई-जून महीने में ही डिलीवर करना था। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर अमेरिका ने नई तकनीकी और सप्लाई में दिक्कतों का हवाला दिया था। हालांकि, अब उम्मीद है कि भारत को पहली खेप में 3 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी इसी महीने के अंत तक मिल जाएगी। बाकी 3 अपाचे हेलीकॉप्टर इस साल के अंत में डिलीवर किए जाएंगे।

अपाचे AH-64E की खासियत और खूबियां?

  • उन्नत तकनीकी और एडवांस्ड सेंसर सिस्टम

अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर में नाइट विजन और थर्मल सेंसर लगे हैं जो रात में और खराब मौसम में भी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं। टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और पायलट नाइट विजन सेंसर दुश्मन को सटीकता से पहचानने और निशाना बनाने में मदद करते हैं। यह 60 सेकेंड में 128 गतिशील लक्ष्यों की पहचान कर उसे नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा इसमें लगा रडार और कम्युनिकेशन सिस्टम भी काफी एडवांस है। यह AN/APG-78 लॉन्गबो रडार और ज्वाइंट टैक्टिकल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (JTIDS) से लैस, जो उन्नत डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करता है। साथ ही सीडीएल और केयू फ्रिक्वेंसी बैंड के जरिए संचार संभव।

  • मारक क्षमता और हथियार प्रणाली

यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर 625 राउंड प्रति मिनट की दर से गोलीबारी कर सकता है। इस हेलीकॉप्टर में AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है जो टैंक-रोधी, लेजर-गाइडेड मिसाइलें, बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा इसमें लगा हाइड्रा 70 रॉकेट 70 मिमी का अनगाइडेड रॉकेट है, जो जमीनी ठिकानों को तबाह करने के लिए उपयोगी है। साथ ही इसमें लगी स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो हवाई खतरों से निपट सकती हैं। इस हेलीकॉप्टर में लगा स्पाइक NLOS मिसाइल लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसमें स्टैंड-ऑफ हमले की क्षमता। साथ ही मल्टी-टारगेटिंग करने की क्षमता से भी ये हेलीकॉप्टर लैस है। इसका मतलब है कि यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 16 लक्ष्यों पर एक साथ हमला करने की क्षमता रखता है।

  • रफ्तार 

अपाचे हेलीकॉप्टर के रफ्तार की अगर बात करें तो इसकी अधिकतम स्पीड 280-365 किमी प्रति घंटा है। साथ ही इसका ऑपरेशनल रेंज लगभग 480-500 किमी है, जो बाहरी ईंधन टैंक के साथ और ज्यादा बढ़ाई जा सकती है। बता दें कि यह एक बार उड़ान भरने के बाद 3 से 3.5 घंटे तक हवा में रह सकता है। 

  • मल्टी मिशन क्षमता, मल्टी डोमेन ऑपरेशन

यह हेलीकॉप्टर जटिल और प्रतिस्पर्धी युद्धक्षेत्र में हावी होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर ड्रोन, जैसे MQ-1C ग्रे ईगल को नियंत्रित कर सकता है, जिससे लक्ष्य को खोजने और निगरानी में सहायता मिलती है। इसके अलावा यह सेना के स्ट्राइक कोर को युद्ध में सहायता प्रदान करता है। साथ ही इसमें लगा उन्नत सेंसर और रडार सिस्टम टोही मिशन में भी सक्षम हैं।

  • हेलीकॉप्टर का डिजाइन और वजन

बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को दो पायलटों के लिहाज से डिजाइन किया गया है, जिसमें एक पायलट उड़ान को नियंत्रित करता है और दूसरा हथियारों को संचालित करता है। इसका वजन 6,838 किलोग्राम है। साथ ही अधिकतम टेकऑफ वजन 10,433 किग्रा है। बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को बैलिस्टिसक मिसाइलों और छोटे हथियारों के हमलों से बचाव के लिहाज से डिजाइन किया गया है। यह खराब मौसम और रात के समय भी ऑपरेशनल है। 

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