Thursday, May 02, 2024
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Lumpy Skin Disease: भारतीय गायों पर कहर बरपा रही पाकिस्तान से आई ये संक्रामक बीमारी, 1200 से ज्यादा की मौत, 25 हजार से ज्यादा संक्रमित

Lumpy Skin Disease: इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से ये तेजी से मवेशियों को अपना निशाना बना रही है।

Rituraj Tripathi Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: December 14, 2022 23:38 IST
Lumpy Skin Disease- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV GFX Lumpy Skin Disease

Highlights

  • लाइलाज चर्म रोग लंपी से हो रही गायों की मौत
  • राजस्‍थान में करीब 3 महीने में 1200 से ज्यादा गायों की मौत
  • जोधपुर में 2 हफ्तों में 254 मवेशियों की मौत

Lumpy Skin Disease: राजस्‍थान में गायों पर एक गंभीर संक्रामक रोग कहर बरपा रहा है। इस रोग की वजह से सैकड़ों गायों की मौत हो चुकी है और हजारों गायें संक्रमित हैं। इस लाइलाज चर्म रोग का नाम लंपी है और यह तेजी से मवेशियों में फैल रहा है। राजस्‍थान में करीब 3 महीने में 1200 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है और करीब 25 हजार मवेशी इससे संक्रमित पाए गए हैं। इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से ये तेजी से मवेशियों को अपना निशाना बना रही है।  

गाय पालने वाले लोग इस बीमारी की वजह से परेशान हैं क्योंकि उनके मवेशियों की मौत हो रही है और उन्हें नुकसान हो रहा है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि गांठदार चर्म रोग वायरस (एल‍एसडीवी) या लंपी रोग नामक यह संक्रामक रोग इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत आया है। 

जोधपुर में 2 हफ्तों में 254 मवेशियों की मौत

इस रोग के सामने आने के बाद राजस्‍थान में पशुपालन विभाग ने तेजी से कदम उठाए हैं और प्रभावित इलाकों में अलग-अलग टीमें भेजी गई हैं। रोगी पशुओं को अलग-थलग रखने की सलाह दी गई है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री कैलाश चौधरी ने रोग से बड़ी संख्‍या में गायों की मौत की बात स्‍वीकारते हुए कहा है कि केंद्र सरकार केंद्रीय वैज्ञानिक दल की सिफारिशों के आधार पर उपचार के लिए जरूरी कदम उठाएगी। 

हालही में एक केंद्रीय दल ने प्रभावित इलाके का दौरा किया था। पशुधन पर इस रोग के कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले जोधपुर जिले में पिछले दो सप्ताह में 254 मवेशी इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ अरविंद जेटली का कहना है कि शुरुआत में यह रोग राज्‍य के जैसलमेर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिलों में देखने में आया, लेकिन बहुत तेजी से यह जोधपुर, जालोर, नागौर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और अन्य जिलों में फैल गया है। हमारी टीमें पहले से ही प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं।

अफ्रीका में सामने आई थी ये बीमारी

पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अफ्रीका में इस बीमारी के शुरुआती केस सामने आए थे, फिर इसने पाकिस्तान को अपना निशाना बनाया और फिर भारत में इसके केस दिखाई पड़े। जेटली ने कहा कि यह बीमारी मुख्य रूप से गायों, विशेषकर देसी नस्‍ल वाली गायों को प्रभावित कर रही है और अब तक करीब 25 हजार गोवंश प्रभावित हुए हैं। 

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