Friday, April 26, 2024
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Republic Day 2022: 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस? जानें इसका इतिहास

26 जनवरी को भारत की राजधानी नई दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मन को मोह लेने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Vineet Kumar Singh Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: January 25, 2022 19:48 IST
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Image Source : PTI FILE गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर भव्य परेड भी होती है।

Highlights

  • गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में राजपथ पर परेड एवं झांकियां निकलती हैं और अन्य स्तरों पर भी कई कार्यक्रम होते हैं।
  • 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।
  • भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर आया।

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में हर्षोल्लास का वातावरण होता है, दिल्ली में राजपथ पर परेड एवं झांकियां निकलती हैं और अन्य स्तरों पर भी कई कार्यक्रम होते हैं। लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया है कि आखिर गणतंत्र दिवस हम 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं, किसी दूसरे दिन क्‍यों नही? आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी को ही मनाने के पीछे एक रोचक इतिहास है। आज हम आपको इसी इतिहास के कुछ पन्नों के बारे में बताएंगे।

26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था देश का संविधान

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि सन् 1950 में इसी दिन भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और फिर इसे 26 जनवरी 1950 को एक लोकतान्त्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। 26 जनवरी की तारीख को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत के पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी।

1947 तक 26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस
सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का दर्जा दे। इस दिन भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा।

संविधान को बनाने में लगे थे 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन
आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से शुरू कर दिया। डॉ० भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। डॉ. आंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया। इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर गणतंत्र राष्ट्र बना भारत
भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर आया। उसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह पहला मौका था जब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे। उन्होंने पहली बार सेना की सलामी ली थी और पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। और इसी के साथ देश के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जुड़ गया।

26 जनवरी को दिल्ली में होते हैं कई मन मोह लेने वाले कार्यक्रम
26 जनवरी को भारत की राजधानी नई दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मन को मोह लेने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस दिन दिल्ली को किसी दुल्हन की तरह सजाया जाता है और बड़ी धूम-धाम से परेड निकाली जाती है। देश के कोने-कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने दिल्ली आते हैं और बड़ी ही धूमधाम से अस्त्रों-शस्त्रों का प्रदर्शन होता है। इसके अलावा राजपथ पर निकलने वाली झांकिया भी एक बड़ा आकर्षण होती हैं।

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