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Tirupati Laddu Case: तिरुपति प्रसाद विवाद में अब तक क्या हुआ? बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई, जानें किसने क्या कहा

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने का मुद्दा अब तूल पकड़ चुका है। एक तरफ यह मामला जहां अदालत में चला गया है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू हो गई है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Sep 21, 2024 8:45 IST, Updated : Sep 21, 2024 9:38 IST
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Image Source : PTI तिरुपति तिरुमला देवस्थानम मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मुद्दा जोर पकड़ चुका है।

नई दिल्ली: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने के मामले में अब मोदी सरकार भी एक्शन में आ गई है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश सरकार से लैब टेस्ट की रिपोर्ट मांगी है। केंद्र अब NDDB की टेस्ट रिपोर्ट की FSSAI से जांच कराएगा। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि जो भी दोषी होगा उस पर एक्शन होगा। इस बीच सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के खिलाफ YSR कांग्रेस हाई कोर्ट चली गई है और अदालत से इस मामले की जांच के लिए अपील की है। इस मसले पर हाईकोर्ट अब बुधवार को सुनवाई करेगा।

लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की पुष्टि

दुनिया के सबसे धनवान मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी में करोड़ों हिंदुओं के धर्म को खंडित करने की कथित साजिश के खुलासे के बाद हाहाकार मचा है। तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की पुष्टि हुई है। इस खुलासे के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक हर कोई सन्न है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम मंदिर के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने भी माना है कि मंदिर की पवित्रता भंग हुई है। शामला राव ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावटी घी की एक बड़ी वजह उसका रेट भी है।

‘भगवान को चढ़ने वाला शुद्ध घी 320 रुपये में नहीं मिल सकता’

शामला राव ने कहा, ‘टेंडर में घी को खरीदने के लिए जो दाम रखे गए थे वे व्यवहारिक नहीं थे। कोई भी ये समझ सकता है कि भगवान को चढ़ने वाला शुद्ध घी 320 रुपये में नहीं मिल सकता। इसके लिए कम से कम 500 रुपये प्रति किलो तो चुकाने ही होंगे। हमने इस पर काम शुरू किया और सारे सप्लायर्स को चेतावनी दी कि अगर मिलावटी घी सप्लाई किया गया तो हम आपको ब्लैक लिस्ट कर देंगे। सारे सप्लायर्स की क्वालिटी ठीक थी सिवाय एक के। वो कंपनी है AR फूड तमिलनाडु। हमने उनके सैंपल को NDDB लैब भेजा। शुद्ध घी में प्योर मिल्क फैट 95.68 से लेकर 104.32 तक होना चाहिए लेकिन दुख की बात है कि इन सारे सैंपल्स में मिल्क फैट की वेल्यू 20 ही पाई गई। इसका मतलब घी में जबरदस्त मिलावट की गई थी।

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Image Source : PTI
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

‘आज तक हमारे घी को लेकर ऐसी कोई समस्या नहीं आई’

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी को लेकर NDDB की जो रिपोर्ट आई है उसमें चेन्नई की AR डेयरी एंड एग्रो प्रोडक्ट्स नाम की कंपनी पर मिलावट के आरोप लगे हैं। हालांकि कंपनी रिपोर्ट को सिरे से नकार रही है और अपने घी को हर क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरा बता रही है। कंपनी का कहना है, ‘जून-जुलाई में जो घी हमने भेजा था TTD को। उसका सैम्पल टेस्ट FSSAI और एगमार्क ने कलेक्ट किया था। TTD की लैब में भी हमारा सैंपल पास हुआ था। पिछले महीने जब ये अफवाह उड़ी तब भी FSSAI ने यहां आकर हमारे घी के सैंपल्स लिए थे जो लैब टेस्ट में पास हुए थे। आज तक हमारे घी को लेकर ऐसी कोई समस्या नहीं आई है हमारे प्रोडक्ट और सैंपल्स फैक्ट्री में हमेशा रहते हैं। कोई भी आकर इन्हें टेस्ट कर सकता है।’

‘साफ है कि प्रसाद की क्वालिटी से समझौता किया गया’

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर सीएम चंद्रबाबू नायडू लगातार पूर्ववर्ती जगन सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। नायडू ने कहा कि जिन लोगों ने तिरुपति मंदिर की पवित्रता भंग की, भगवान के साथ धोखा किया। उन्हें भगवान वेंकटेश्वर इसी जन्म में सजा देंगे। उन्होंने कहा, ‘प्रसाद के साथ जो अपवित्रता की गई है, उसकी जांच में जो बातें सामने आई हैं वे दिखाती हैं कि वे लोग घमंड में इतना चूर हो गए थे कि उन्हें लगा कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने आम लोगों की भावनाओं की भी कद्र नहीं की। मुझे जो लैब रिपोर्ट मिली है उससे साफ है कि प्रसाद की क्वालिटी से समझौता किया गया, अपवित्र चीजों की मिलावट की गई।’

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Image Source : PTI
पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

जगन मोहन रेड्डी ने नायडू के आरोपों को सिरे से नकारा

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोपों पर कई दिनों तक खामोश रहने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी का इस्तेमाल कभी नहीं हुआ, चन्द्रबाबू नायडू सिर्फ लोगों को भड़काने कर अपना राजनीतिक हित साध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों का ध्यान भटकाने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने ये झूठ फैलाया। वो इतना नीचे गिर गए कि उन्होंने मंदिर की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया। यहां जो कुछ भी हो असल में वो मंदिर की रूटीन प्रैक्टिस का हिस्सा है जिसको राजनीतिक फायदे के लिए गलत तरीके से पेश किया गया।’

YSR कांग्रेस ने नायडू के आरोपों को हाई कोर्ट में दी चुनौती

रेड्डी ने कहा, ‘हर 6 महीने में TTD टेंडर आमंत्रित करता है। रूटीन के तहत ही जो लोग चुने जाते हैं, उन्हें टेंडर दिया जाता है। ये मानदंड कोई आज तय नहीं हुए है। वे 10 साल से इसी तरह चले आ रहे हैं।’ तिरुमला प्रसाद में मिलावट का मुद्दा अब अदालत की चौखट तक भी पहुंच गया है। YSR कांग्रेस ने तिरुमाला लड्डू प्रसाद पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू द्वारा लगाए गए आरोपों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पार्टी की ओर से वकीलों ने आरोपों का हाई कोर्ट की बेंच में जिक्र किया है और इस मामले की जांच सीटिंग जज या हाई कोर्ट की बनाई कमेटी से करवाने की मांग की है। हाईकोर्ट की पीठ मामले पर बुधवार को दलील सुनेगी।

‘इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है’

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं और इस मुद्दे पर गहनता से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर भक्त को दुखी करेगा और इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। भारत भर के अधिकारियों को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।’

तिरुपति लड्डू विवाद पर संतों ने भी दी कड़ी प्रतिक्रिया

वहीं, भगवान वेंकटेश के प्रसाद के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की बात सामने आने के बाद देशभर के संत भी नाराज हैं। वे हिंदू धर्म को अपवित्र करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग रहे हैं। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे आस्था पर आघात हुआ है। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। तिरुपति बालाजी के मंदिर में ‘अपवित्र’ प्रसाद के मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी लोग दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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