नई दिल्ली: देवेंद्र फडणवीस की जगह अब उद्धव ठाकरे के हाथ में महाराष्ट्र की कमान होगी। बीते 80 घंटों में महाराष्ट्र की सियासी सफर में बदलाव की ऐसी बयार बही कि सत्ता की कमान इधर से ऊधर हो गई। किसी भी राजनीतिक दल के सरकार गठित नहीं कर पाने के कारण राज्य में 12 नवंबर से 23 नवंबर तक 13 दिन के लिए राष्ट्रपति शासन लागू रहा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस सरकार को शक्ति परीक्षण का आदेश दिया और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्यों को बुधवार शाम पांच बजे तक शपथ ग्रहण करा दी जाए।
हालांकि, भाजपा नीत सरकार मंगलवार दोपहर बाद उस समय गिर गई जब एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से और उनके बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद राज्यपाल के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाया जाने लगा। इस घटना के बाद अपनी छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई करने के कदम के तहत केंद्र सरकार द्वारा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का तबादला किए जाने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र कोश्यारी की जगह ले सकते हैं। केंद्र सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मिश्र ने हिमाचल प्रदेश से स्थानांतरित किए जाने के बाद 9 सितंबर को राजस्थान के राज्यपाल का कार्यभार संभाला। कलराज मिश्र को 22 जुलाई को हिमाचल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्रा राज्य व केंद्रीय मंत्री रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रमुख के तौर पर सेवाएं दी हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं। कोश्यारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य के तौर पर सेवाएं दी हैं।
कांग्रेस ने राज्यपाल कोश्यारी के संचालन के तरीके पर पर सवाल उठाया। पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "सवाल यह नहीं है कि सच्चाई की जीत हुई है। आज बड़ा सवाल यह है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट उन तरीकों को देखे, जिसमें राज्यपाल ने सबसे अधिक पक्षपातपूर्ण तरीका अपनाया। उन्होंने संविधान, नियम, कानून, मिसाल और परंपराओं की बिल्कुल परवाह नहीं की।"
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने राज्यपाल पर पक्षपातपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया और उसे शीर्ष अदालत द्वारा स्थापित कानून के विपरीत बताया।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राज्यपाल की स्थिति के मद्देनजर राष्ट्रपति को कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें तत्काल बदलना चाहिए। राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और फडणवीस को मुख्यमंत्री पद व अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
(Input IANS)