Monday, May 06, 2024
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सब इस रेस में लगे हैं की 'सबसे बड़ा हिन्दू कौन?', ओवैसी ने धर्म संसद को लेकर कांग्रेस और RSS को घेरा

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'रायपुर के नरसंहारी सम्मेलन में कालीचरण ने गांधी जी को गाली दी और गोडसे की तारीफ़ की। इस बात पर आपत्ति जताते हुए राम सुंदर रूठ कर सम्मेलन से चले गए। बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है? सब इस रेस में लगे हैं की “सबसे बड़ा हिन्दू कौन?”

Gaurav Shukla Written by: Gaurav Shukla @gshukla234
Updated on: December 27, 2021 17:11 IST
Asaduddin Owaisi, AIMIM chief - India TV Hindi
Image Source : TWITTER/@ASADOWAISI · Asaduddin Owaisi, AIMIM chief 

Highlights

  • क्या हम ये समझें की हिंदू बनाम हिंदुत्व वाली बातें बस जुमला थीं?- ओवैसी
  • 'बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है?'
  • कांग्रेस और उग्रवादियों की दोस्ती पुरानी है: ओवैसी

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हुई धर्म संसद को लेकर कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद लगातार कई ट्वीट कर संतों के वीडियो के थ्रेड को शेयर करते हुए कहा कि श्री राहुल गांधी को सम्मेलन से दूर रखा गया, ये निंदनीय है। क्या हम ये समझें की हिंदू बनाम हिंदुत्व वाली बातें बस जुमला थीं? 

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'रायपुर के नरसंहारी सम्मेलन में कालीचरण ने गांधी जी को गाली दी और गोडसे की तारीफ़ की। इस बात पर आपत्ति जताते हुए राम सुंदर रूठ कर सम्मेलन से चले गए। बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है? सब इस रेस में लगे हैं की “सबसे बड़ा हिन्दू कौन?”

ओवैसी ने कहा कि राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और इनका कैबिनेट रैंक है। ये धर्मसंसद के मुख्य संरक्षक थे। सम्मेलन कांग्रेस के बिना मुमकिन ही नहीं था। राम सुंदर के संरक्षण में ना सिर्फ़ गांधी जी को गाली दी बल्कि ये भी कहा कि इस्लाम का मक़सद राष्ट्र पर क़ब्ज़ा करना है। कालीचरण ने कहा कि सांसद, विधायक, मंत्री-प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो 'कट्टर हिंदुत्ववादी हो' लोगों के वोट न देने की वजह से “देश में इस्लाम हावी होगा”। लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा वोट देना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो।

ओवैसी ने अपने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा कि 'क्या राम सुंदर को ये बयान आपत्तिजनक नहीं लगा? क्या ये बयान निंदनीय नहीं है? जब कालीचरण यह भाषण दे रहा था तो दर्शकों के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने और नंदकुमार साय भी मौजूद थे। किसी ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। जब दोनों हाथ जोड़कर कालीचरण ने नमस्कार किया तो भीड़ नारे लगाकर तालियां बजाने लगी। लेकिन राम सुंदर के भाषण को ऐसा समर्थन नहीं मिला। इससे वहाँ मौजूद लोगों की मानसिकता साफ़ समझ आती है। सवाल सिर्फ़ गिरफ़्तारी का नहीं है। कांग्रेस ने सम्मेलन में हिस्सा क्यूँ लिया?'

ओवैसी ने कहा कि '25 दिसंबर को यात्रा निकाली गयी थी और 26 को धर्म संसद हुआ था। 25 के कलश यात्रा में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय और कांग्रेस के प्रमोद दुबे (रायपुर नगर सभापति) ने शिरकत की। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे। सम्मेलन में दूसरे उग्रवादियों ने भी कई नरसंहारी बयान दिए। सब कुछ कांग्रेस के नेता के संरक्षण में हुआ। संतों का कहना था कि बिना हिन्दू राष्ट्र बने देश का कल्याण नहीं हो सकता। कांग्रेस और उग्रवादियों की दोस्ती पुरानी है: कवर्धा में धार्मिक झंडे को लेकर एक बहस हिंसा में तब्दील हो गयी।उग्रवादी संगठनों ने रैली निकाली थी जिसकी अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी, भीड़ ने मुसलमानों के घरों और दुकानों पर पत्थरबाज़ी की।'

ओवैसी ने संघ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 'संघ ने इसका भरपूर फायदा उठाया और कांग्रेस ने भाजपा को काँटे की टक्कर दी। '6 दिसंबर' को संघ परिवार ने शक्ति प्रदर्शन के रूप में कवर्धा में “हिंदू शौर्य जागरण संकल्प महासभा” का आयोजन किया। कांग्रेस सरकार ने पास के पी.जी कालेज में पार्किंग का इंतेज़ाम करवाया और आस-पास के सारे स्कूल और कालेज बंद करवा दिए।सरकार ने ख़ातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकार ने क़रीब 80,000 लोगों की भीड़ इकट्ठा करने में मदद किया।  10 दिसंबर (जुम्मे का दिन) को एक कवर्धा में एक और शक्ति प्रदर्शन हुआ। इस बार 108 फ़ीट लंबे खंभे पर भगवा झंडा फहराया गया, उस मौक़े पर रैली भी निकाली गई। क़रीब 20,000 लोगों ने रैली में शिरकत की। 10 दिसंबर के नवभारत टाइम्स अख़बार में ये विज्ञापन छपा था। अब और क्या बताएँ?'

ओवैसी ने आगे कहा कि 'मैंने आपके सामने सबूत रखें हैं। ये साफ़ है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ने उग्रवादियों की सहायता की। क्या इन सम्मेलन पर सरकारी तिजोरी से पैसा ख़र्च हुआ था? हरिद्वार में जो कुछ हुआ उसके बवाजूद कांग्रेस ने न सिर्फ़ इस धर्मसंसद को इजाज़त दी बल्कि उसमें शिरकत भी की। कांग्रेस के कैबिनेट मिनिस्टर के रैंक के नेता के संरक्षण में हिंदू राष्ट्र, मुसलमानों का नरसंहार, लव जिहाद की बातें हुईं। FIR सिर्फ़ गांधी जी वाले बयान पर दर्ज हुई है। क्या हम ये समझें की हमारे नरसंहार की बात चिंताजनक नहीं है?'

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