Saturday, April 20, 2024
Advertisement

महिलाओं को मुसीबत से बचाएगा हैंड ग्रेनेड! कीमत है सिर्फ इतनी, जानिए खूबियां

रचना राजेन्द्र चौरसिया ने बताया कि यह वुमेन सेफ्टी ग्रेनेड महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी है। रचना ने कहा, "ग्रेनेड में सिम कार्ड का ऑब्शन दिया गया है, जिसमें 5 से 7 नम्बर तक संरक्षित किये जा सकते हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 07, 2020 17:04 IST
varanasi scientist made hand grenade for women safety - India TV Hindi
Image Source : IANS varanasi scientist made hand grenade for women safety 

वाराणसी। तकनीक के इस्तेमाल से महिलाएं अब अपनी रक्षा स्वयं कर सकेंगी। देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए प्रसिद्ध 7 ब्लैक बेल्ट इन ताइक्वांडो-रचना राजेन्द्र चौरसिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया के साथ मिलकर एक वुमेन सेफ्टी हैंड ग्रेनेड तैयार किया है, जिससे महिलाओं की किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा हो सकेगी। इसके फूटते ही आपातकालीन नम्बरों पर सूचना पहुंचेगी।

वायरलेस टेक्नॉलॉजी पर बना पूरी प्रणाली

रचना राजेन्द्र चौरसिया ने बताया कि यह वुमेन सेफ्टी ग्रेनेड महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी है। रचना ने कहा, "ग्रेनेड में सिम कार्ड का ऑब्शन दिया गया है, जिसमें 5 से 7 नम्बर तक संरक्षित किये जा सकते हैं। इसमें घर के सदस्यों के अलावा आपातकालीन नम्बर होंगे। इसमें एक ऑन-आफ ट्रिगर लगा है, जिसे दबाते और फेंकते ही इन नम्बरों पर लोकेशन चली जाएगी और जिससे वह लोग लोकेशन पर पहुंच कर महिला की सुरक्षा कर सकेंगे। यह पूरी प्रणाली वायरलेस टेक्नॉलॉजी पर बनी है। इसका आकार छोटा होने के कारण इसे पर्स या जेब में रखा जा सकता है। इसमें डिस्टेंस सेंसर का प्रयोग किया गया है। महिलाओं के पर्स या मोबाइल छिनने जैसी घटनाएं होंगी तो यह एक्टिव होकर काम करने लगेगा। डिस्टेंस ब्रेक होने पर भी यह कार्य करेगा। 1 से 2 मीटर इलाके पर बटन दबाते काम करने लगेगा।"

ट्रिगर दबते ही होगी फायरिंग जैसी आवाज 

रचना राजेन्द्र चौरसिया ने बताया कि आने वाले समय में इसमें मौजूद ट्रिगर दबाने से फायरिंग की आवाज भी होगी। रचना ने कहा, "तेज आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकेगी। दरअसल, फायरिंग से घटनास्थल तक हर किसी का ध्यान जाता है और लोग मुसीबत में फंसी महिला या युवती तक आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीं, इस अनोखे ग्रेनेड का प्रयोग करते ही घटनास्थल का लोकेशन 112 नंबर पुलिस के साथ ही परिवार के रजिस्टर्ड सदस्य को लाइव हो जाएगा। इसके साथ ही इमरजेंसी में नंबर भी ऑटोमेटिक कॉल होने लगेगी।"

मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया हैंड ग्रेनेड 

अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया ने बताया कि इसे महिलाओं संग छेड़खानी व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयोग के तौर पर तैयार किया गया है। श्याम ने कहा, "इस ग्रेनेड को बनाने में 650 रुपए का मामूली खर्च आया है। इसका वजन करीब 50 ग्राम है। घंटेभर तक इसे चार्ज करने पर लगभग सप्ताहभर तक काम करता है। यह पूरी तरह मेक इन इंडिया प्रोडक्ट है। इसमें एक भी बाहरी समान नहीं प्रयोग किया गया। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है।"

बीएचयू इनोवेशन सेंटर के कोआर्डिनेटर डॉ. मनीष अरोरा ने बताया कि," यह महिला सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा इनोवेशन है। अभी इसका प्रोटोटाइप बना है। इसमें आरएफ और सेंसर बेस तकनीक है। यह कमांड सेंटर पर वर्क करेगा। इससे हेल्पलाइन नम्बरों पर मदद मिल सकेगी। यह सराहनीय प्रयास है। इसे इंडस्ट्री तक ले जाने की जरूरत है। इसका पेंटेंट अनिवार्य है।"

(इनपुट- IANS)

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement