Saturday, April 27, 2024
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VIDEO: बिना ड्राइवर के 75 किलोमीटर तक दौड़ती रही ट्रेन, स्टेशन मास्टर, लोको पायलट समेत 6 सस्पेंड

कठुआ रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी ही लापरवाही सामने आई है जो जानलेवा बन सकती थी। यहां खड़ी एक मालगाड़ी बिना ड्राइवर के ही चल पड़ी। मालगाड़ी 70-80 किलोमीटर की रफ़्तार से दौड़ने लगी। इसके बाद मुकेरियां पंजाब में ऊंची बस्सी के पास इसे रोका गया। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: February 27, 2024 16:30 IST
goods train- India TV Hindi
Image Source : VIDEO GRAB बिना ड्राइवर को दौड़ी मालगाड़ी

रेलवे के जम्मू तवी-पठानकोट खंड में कठुआ से ऊंची बस्सी स्टेशन (पंजाब) के बीच करीब 75 किलोमीटर तक एक मालगाड़ी के बिना चालक के पटरी पर दौड़ती रही। अब इस घटना की प्राथमिक जांच से यह पता चला है कि लोको-पायलट (चालक) और स्टेशन मास्टर, दोनों ही अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम रहे। रेलवे के एक आधिकारिक पत्राचार के अनुसार, चालक रहित ट्रेन 70 से 75 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ी। इसने आठ से नौ स्टेशन पार किए और 75 किमी की दूरी तय की, जिसके बाद इसे पटरी पर रेत और लकड़ी के ‘ब्लॉक’ जैसे अवरोधक डालकर ऊंची बस्सी में रोका गया।

रेलवे ने क्या बताई वजह?

रेलवे के पांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त जांच रिपोर्ट में, घटना में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए हैं और घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया है जो चालक और कठुआ के स्टेशन मास्टर द्वारा कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरते जाने की ओर इशारा करता है। रिपोर्ट के अनुसार, लोको-पायलट ने अपने बयान में दलील दी है कि मालगाड़ी के इंजन और तीन डिब्बे को स्थिर रखने के लिए ‘हैंड ब्रेक’ लगाने के अलावा उन्होंने पहिये के आगे लकड़ी के दो टुकड़े भी लगाये थे ताकि ट्रेन वहीं रूकी रहे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब मालगाड़ी को ऊंची बस्सी में स्टेशन मास्टर ने रोका और मुआयना किया, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई, यह पाया गया कि डिब्बों की ‘हैंड ब्रेक’ लगी हुई स्थिति में नहीं थी।

देखें वीडियो-

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि ड्यूटी पर मौजूद कठुआ के स्टेशन मास्टर ने सुबह छह बजकर पांच मिनट से सात बजकर 10 मिनट के बीच मालगाड़ी को उपयुक्त रूप से स्थिर नहीं रखा। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि नियमों के मुताबिक, स्टेशन मास्टर को यह जांच करनी होती है कि ब्रेक उपयुक्त रूप से लगाई गई हो और ट्रेन के आगे नहीं बढ़ने को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अन्य उपाय करने होते हैं।

चालक और स्टेशन मास्टर की गलती

रिपोर्ट के अनुसार, यह एक संभागीय सामग्री ट्रेन (DMT) थी, जिसका उपयोग निर्माण सामग्री की ढुलाई करने और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह कठुआ जंक्शन पर खड़ी थी और इसमें 53 डिब्बे थे तथा इसमें ‘ब्रेक वैन (गार्ड का डिब्बा) नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुबह करीब पांच बजकर 20 मिनट पर नियंत्रण कक्ष ने स्टेशन मास्टर को चालक को यह सूचित करने कहा था कि वह ट्रेन को जम्मू ले जाएं लेकिन चालक ने इससे इनकार कर दिया क्योंकि इसमें गार्ड का डिब्बा नहीं लगा हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, नियंत्रण कक्ष ने चालक से ट्रेन का इंजन बंद करने, अपनी ड्यूटी समाप्त करने और जम्मू जाने के लिए एक ट्रेन में सवार होने को कहा। चालक ने इंजन की चाभी सुबह करीब छह बजे स्टेशन मास्टर को सौंप दी और जम्मू रवाना हो गए।

नहीं हुआ नियमों का पालन

ट्रेन ढलान पर आगे बढ़ना शुरू करने से पहले, सुबह छह बजे से सुबह सात बजकर 10 मिनट तक बगैर चालक के रही। विशेषज्ञों ने कहा है कि नियमों के मुताबिक, स्टेशन मास्टर को लोको-पायलट को ट्रेन छोड़ने के लिए लिखित में देना होता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, फिरोजपुर डिवीजन के संभागीय रेल प्रबंधक ने प्रारंभिक जांच के आधार पर रेलवे के 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है और जांच का आदेश दिया है। फिरोजपुर डिवीजन के तहत ही कठुआ-जम्मू तवी खंड स्थित है। (भाषा)

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