Monday, April 29, 2024
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कश्मीर की सड़कों पर आवारा कुत्तों ने मचाया आतंक, 6 महीने में सामने आए 350 से ज्यादा मामले, आम जनता परेशान

कश्मीर की सड़कों पर आवारा कुत्तों की वजह से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। पिछले 6 महीने में 350 से ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले आए हैं। आवारा कुत्तों की इस दहशत के लिए लोग नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

Reported By : Manzoor Mir Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: November 08, 2023 13:06 IST
Kashmir Stray dogs- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV कश्मीर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का जमावड़ा

जम्मू कश्मीर: कश्मीर की सड़कों पर आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। पिछले 6 महीने में 350 से ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले सामने आए हैं। आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने में नगर निगम नाकाम है और आम लोग बेहद परेशान हैं। डॉक्टरों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और कहा है कि सिर्फ एक अस्पताल में रोजाना 30 से 40 मामले सामने आ रहे हैं। 

नसबंदी और एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया शुरू 

बढ़ते मामलों को देखते हुए नगर निगम ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के पशु चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या को रोकने के लिए नसबंदी और उन्हें एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

स्मार्ट सिटी लाल चौक और श्रीनगर शहर के विभिन्न इलाकों में चारों तरफ इन आवारा कुत्तों को घूमते देखा जा सकता है। ये आवारा कुत्ते शहर के हर हॉस्पिटल स्कूल पार्क, मार्केट और बाजारों में एकजुट होकर घूमते हैं। 

आम नागरिकों को हो रही परेशानी 

आवारा कुत्तों के आतंक से कश्मीर के नागरिक परेशान हैं। श्रीनगर के एसएमएस हॉस्पिटल में प्रतिदिन करीब 30 से 40 लोग अपना इलाज करने के लिए पहुंच रहे हैं। आवारा कुत्तों की इस दहशत के लिए लोग नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

इंडिया टीवी से लोगों ने बात करते हुए कहा, कश्मीर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण आम लोग खासकर बुजुर्गों और स्कूली बच्चों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। 

गौरतलब है कि श्रीनगर शहर को स्मार्ट सिटी में तब्दील किया गया है। एक नया डिजाइन दिया गया है लेकिन क्लॉक टावर के पास मौजूद कुत्ते यह बयान करने के लिए काफी है कि नगर निगम आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकने में अभी तक नाकाम है। इसके कारण यहां के मासूम बच्चे और बुजुर्ग आवारा कुत्तों का निशाना बन रहे हैं। लोगों का मानना है कि नगर निगम सिर्फ दावे करती है लेकिन जमीनी सतह पर वह पूरी तरह से इस मामले को हैंडल करने में नाकाम है।

श्रीनगर नगर निगम के कमिश्नर ने कही ये बात

श्रीनगर नगर निगम के कमिश्नर आमिर अतहर का कहना है कि श्रीनगर के नौ वार्ड में पिछले तीन महीनों से कुत्तों की नसबंदी बड़े पैमाने पर हो रही है और इस मिशन को सफलता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। आमिर अतहर का कहना है कि लोग पूरा सहयोग कर रहे हैं। नसबंदी के साथ-साथ वैक्सीनेशन भी हो रहा है। करीब 20% प्रक्रिया कंप्लीट हुई है और यह सिलसिला अगले साल भी जारी रहेगा।

श्रीनगर SMHS अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल एक अस्पताल में रोजाना 30 से 40 कुत्ते के काटने के मामले दर्ज हो रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसके कारण रोजाना मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है और ये एक चिंताजनक बात है। नगर निगम ने अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। 

रिपोर्ट में सामने आई ये बात 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में करीब 1 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। पिछले एक दशक से अधिक समय में एंटी-रेबीज क्लीनिक एसएमएस में कुत्ते के काटने के 60,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। श्रीनगर में आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों का एक प्रमुख कारण श्रीनगर में खुली जगहों पर कूड़ा डंपिंग स्थल हैं।

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