Friday, April 26, 2024
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Parenting tips in Hindi: क्या आपका बच्चा भी गुस्‍सैल और जिद्दी है? इन तरीकों से कराएं शांत

Parenting tips in Hindi: माता-पिता के अनदेखे पन और लापरवाही से बच्चे समय के साथ सुधरने के बजाय और बिगड़ने लगते हैं। बच्चों के पास अनुभव और ज्ञान की कमी होने के कारण वह यह नहीं समझ पाते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है। ऐसे में उनके खिलाफ जाने वाला हर व्यक्ति गलत लगता है और वे अत्यधिक गुस्सैल और जिद्दी हो जाते हैं।

Jyoti Jaiswal Edited By: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: October 19, 2022 18:27 IST
Parenting tips in Hindi- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY Parenting tips in Hindi

Parenting tips in Hindi: सुविधाओं के युग में व्यक्ति का स्वभाव बदलता जा रहा है। कोई गर्म मिजाज का है तो कोई नरम। हमारा स्वभाव एक दिन में नहीं बन जाता। पैदा होने के बाद हर एक दिन हम कुछ न कुछ सीखते हैं और सबसे ज्यादा प्रभावशाली लाइफ स्टेज बचपन ही है, जो हमारा भविष्य तय करता है। बात ना मानना, गुस्सा दिखाना और जिद करना तो बच्चों का आम स्वभाव है। लेकिन इनका एक सीमा से ज्यादा प्रभावी होना आपके बच्चों का भविष्य खतरे में डाल सकता है। कोई भी फरमाइश पूरी ना होने पर भी गुस्सा हो जाते हैं लेकिन यह आदत कुछ बच्चों में हद पार कर रही है। जिसकी वजह से कुछ बच्चे खुद को नुकसान पहुंचाने पढ़ाई बीच में छोड़ने या घर से भाग जाने जैसी हरकत भी कर जाते हैं। जिसके कारण पेरेंट्स भी मजबूर हो जाते हैं और उन्हें यह समझ नहीं आता कि ऐसे में क्या किया जाए।

ध्यान रखने योग्य बातें-

बच्चों के सामने पेरेंट्स आपस में लड़ाई करने से बचें 

बच्चा वही सीखता है जो वह देखता है और जैसे माहौल में वह बड़ा होगा उसका स्वभाव भी वैसा ही होगा। कई पेरेंट्स आपस में तो लड़ते रहते हैं और बच्चे को शांत स्वभाव होने की उम्मीद करते हैं। जो कि एक हद तक नामुमकिन है। 

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बच्चों की बातों को ध्यान से सुने

बच्चों को छोटा समझ कर उनकी बातों को अनदेखा करना पेरेंट्स की बहुत बड़ी गलती है। इससे बच्चा अकेला महसूस करता है और चिड़चिड़ा भी हो जाता है। कई बार बच्चे पेरेंट्स का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए भी जिद और गुस्सा करते हैं। 

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बच्चों की गलतियों पर उन्हें मारे नहीं बल्कि समझाएं

बच्चों की गलतियों पर उन्हें मारने के बजाय प्यार से समझाने में विश्वास रखना चाहिए। बच्चों के साथ-साथ खुद बच्चा होना पड़ता है, तभी वह आप से कनेक्टेड महसूस करेंगे। 

बच्चों के साथ बहस करने से बचें

बच्चों के साथ बहस करने से बचें। नहीं तो वह हर बात पर आपसे बहस करने के आदी हो जाएंगे और आपकी बातों से असहमति उनके लिए आम बात हो जाएगी। 

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अच्छे कामों पर करें बच्चों की तारीफ

तारीफ हर किसी को पसंद होती है। जब भी बच्चा कुछ अच्छा काम करें तो उसकी तारीफ करें और हो सके तो कुछ इनाम दे, जिससे बच्चे का मनोबल मजबूत होगा और आपके प्रति जिम्मेदार और सम्मान का भाव रहेगा।

बढ़ती उम्र के साथ एक दोस्त जैसे करें व्यवहार

टीनएजर्स में गुस्सा और जिद्दी पन आमतौर पर देखा जाता है। इस उम्र में बच्चा मानसिक तौर पर कई नई चुनौतियों का सामना करता है और इस स्टेज पर उससे एक दोस्त के जैसे ट्रीट करें। जिससे वह आपसे अपनी बातें शेयर कर सके और गलत संगत में ना पड़े।

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