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पढ़ाई का तनाव बच्चों की मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित, एक्सपर्ट से जानें मेडिटेशन से कैसे बढ़ाएं एकाग्रता और शांति

बच्चों को ध्यान की आदत डालना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जब मन शांत होगा तभी पढ़ाई और जीवन संतुलित हो पाएंगे और बच्चे सफल हो पाएंगे।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Sep 04, 2025 06:39 pm IST, Updated : Sep 04, 2025 06:39 pm IST
बच्चों में पढ़ाई का तनाव और मानसिक स्वास्थ्य,- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK बच्चों में पढ़ाई का तनाव और मानसिक स्वास्थ्य

आज का युग बच्चों युवाओं के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है। पढ़ाई का दबाव, प्रतियोगिता की दौड़, सोशल मीडिया का आकर्षण और बदलती जीवन शैली ने उनके मन को अस्थिर कर दिया है। माता-पिता अक्सर शिकायत करते हैं कि ‘हमारे बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते, बच्चे थके थके से लगते हैं, कहीं ध्यान नहीं लगा पाते। डॉ. अर्चिका, पीएच.डी. इन मेडिटेशन एवं वाइस चेयरपर्सन, विश्व जागृति मिशन, कहती हैं कि इन सभी समस्याओं का समाधान बेहद ही आसान है। ध्यान ही वह साधन है जो बच्चों को एकाग्रता, आत्मविश्वास और मानसिक शांति दे सकता है। जिस तरह भोजन शरीर को शक्ति देता है उसी तरह ध्यान मन और मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है।

बच्चों के लिए ध्यान क्यों जरूरी है?

 जब बच्चा रोज कुछ मिनट का ध्यान करता है तब उसका तनाव दूर होता है वह हल्का महसूस करता है। इससे उसकी याददाश्त मजबूत होती है, पढ़ाई में मन लगता है। बचपन से ही ध्यान कि राह पर चलने वाले बच्चों का आत्मबल जागृत हो जाता है। बच्चों और युवाओं के लिए ध्यान का अभ्यास उतना ही आवश्यक है जितना उनके लिए पोषक आहार जरूरी है। माता-पिता को चाहिए कि वे भी बचपन से ही  रोजाना 10 मिनट बच्चों के साथ बैठकर ध्यान करें। ऐसा करने से बचपन से ही बच्चों का आत्मविश्वास, एकाग्रता और संपूर्ण व्यक्तित्व निखर उठता है।

ध्यान करने से क्या लाभ होते हैं?

  • याददाश्त बेहतर होती है।

  • पढ़ाई और खेलकूद में संतुलन आता है।

  • मोबाइल और सोशल मीडिया जैसी लत से बच्चे दूर होते हैं।

  • जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का निर्माण होता है।

एकाग्रता बढ़ाने के लिए ध्यान के अभ्यास

  • गायत्री मंत्र के माध्यम से ध्यान: शांत अवस्था में बैठें और आंखें बंद करें, गायत्री मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे और स्पष्ट शब्दों में करें, मन की गहराई से प्रार्थना करें ताकि फोकस मजबूत हो जाए।

  • श्वास ध्यान: आराम से बैठकर आंखें बंद करें, धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें,हर सांस पर ध्यान केंद्रित करें, रोजाना 10 से 15 मिनट तक यह अभ्यास एकाग्रता को बढ़ाता है।

  • ओम जप ध्यान: शांत वातावरण में बैठकर धीरे-धीरे ओम का उच्चारण करें, ओम की ध्वनि पर मन को केंद्रित करें, यह ध्वनि मन को शांत करती है, भटकाव को रोकती है और पढ़ाई में एकाग्रता लाती है।

ध्यान केवल बड़ों के लिए नहीं है, यह बच्चों के लिए भी बेहद जरूरी है। ध्यान कोई जादू नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है। यदि कोई बच्चा बचपन से ही ध्यान का वातावरण पा लेता है तो वह न केवल अच्छा विद्यार्थी बनता है बल्कि अच्छा इंसान बनकर जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करता है।

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