Tuesday, April 16, 2024
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ज्यादातर महिलाओं को होते हैं इस टाइप के कैंसर, समय रहते ही इस तरह करें बचाव

भारतीय महिलाओं को लेकर एक हैरान करने वाली रिसर्च सामने आई है। इस रिसर्च में खुलासा हुआ है कि हर साल करीब 7 लाख कैंसर के मरीज सामने आते हैं। कैंसर को यह बात सामने आई हैं कि अगर सही समय पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि भारतीय महिलाओं में ज्यादातर इस टाइप के कैंसर होते हैं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 05, 2018 16:29 IST
कैंसर- India TV Hindi
कैंसर

हेल्थ डेस्क: भारतीय महिलाओं को लेकर एक हैरान करने वाली रिसर्च सामने आई है। इस रिसर्च में खुलासा हुआ है कि हर साल करीब 7 लाख कैंसर के मरीज सामने आते हैं। कैंसर को यह बात सामने आई हैं कि अगर सही समय पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि भारतीय महिलाओं में ज्यादातर इस टाइप की कैंसर होती है। भारतीय महिलाओं को ज्यादातर स्तन, गर्भाशय, कोलोरेक्टल, अंडाशय और मुंह का कैंसर होते हैं। एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर आठ मिनट में एक महिला की मृत्यु हो जाती है।

महिलाओं को होने वाले कैंसर:

ब्रेस्ट कैंसर​

ब्रेस्ट कैंसर​

ब्रेस्ट कैंसर​

शहरी महिलाओं में यह कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं में यह दूसरा सामान्य तौर पर पाया जाने वाला कैंसर है। आजकल कम उम्र में ही स्तन कैंसर के मामले
सामने आने लगे हैं। यह स्तन में असामान्य रूप से कोशिकाओं के परिवर्तन और वृद्धि होने से होता है, यही कोशिकाएं मिलकर ट्यूमर बनाती हैं।
लक्षण-दूध जैसा सफेद पदार्थ या खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी रंग का स्पॉट दिखाई देना। कोई गांठ, अग्रभाग का धंसा हुआ होना, आकार में बदलाव होना।(ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगा 'The Pink Branch', जानिए क्या है यह अभियान)

सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर
इंडियन काउंसिल फॉर सर्वाइकल रिसर्च के मुताबिक़ सर्वाइकल कैंसर से भारत में वर्ष 2015 के दौरान क़रीब 63 हजार महिलाओं की मृत्यु हुई थी। यह ह्यूमन पैपिलोमा नामक
वायरस से होता है जो यौन संबंध से फैलता है। यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है, जो गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है। यहां से यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है। 
लक्षण- रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव होना, सामान्य से अधिक रक्तस्राव, असामान्य डिस्चार्ज चेतावनी के संकेत हैं। (दिखें ये लक्षण, तो समझ लें महिलाओं को है सर्वाइकल कैंसर, ऐसे करें रोकथाम)

कोलोरेक्टल कैंसर

कोलोरेक्टल कैंसर

कोलोरेक्टल कैंसर

महिलाओं में यह तीसरा सबसे आम कैंसर है। यह बड़ी आंत को प्रभावित करता है। अधिकतर मामलों में इसकी शुरुआत कोशिकाओं के नॉन कैंसरस ट्यूमर के रूप में होती है जिसे नजरअंदाज किया जाए तो यह कैंसर बन सकता है।
लक्षण-डायरिया या कब्ज़ समेत पेट सम्बंधित परेशानी सेना, चार हफ्ते से अधिक समय तक मल में बदलाव, मलद्वार से खून आना, पेट में दर्द रहना, वज़न घटना और कमजोरी या थकान।

ओवेरियन कैंसर

ओवेरियन कैंसर

ओवेरियन कैंसर​
अंडाशय या ओवेरियन कैंसर 30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अधिक होता है। जिनके परिवार में पेट, अंडाशय, स्तन या गर्भाशय के कैंसर का कोई इतिहास रहा हो उनमें इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। 
लक्षण-पेल्विस (पेडू) या पेट के निचले हिस्से में दर्द, अपच, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना, पेट में सूजन और फूलना। (ओवेरियन कैंसर के इन लक्षणों को जरुर जानें, महिलाएं ऐसे करें खुद का बचाव)

mouth cancer

mouth cancer

मुंह का कैंसर
मुंह का कैंसर महिलाओं को भी उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरूषों को। प्रमुख कारण तम्बाकू या शराब का अधिक सेवन है। 

लक्षण-मुंह में लाल या सफेद निशान, गांठ बनना, होंठों या मसूड़ों में खराबी, सांस में बदबू की समस्या, दांतों का कमजोर होना और वजन बेहद कम होना। इनमें से कोई भी लक्षण के पाए जाने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। (धुम्रपान छोड़ने पर भी हो सकता है हृदय रोग, मुंह का कैंसर)

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