Sunday, April 28, 2024
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श्रीमद्भगवद्‌गीता के श्लोक, जिनसे सीखें लाइफ मैनेजमेंट

नई दिल्ली: श्रीमद्भगवद्‌गीता हिंदू धर्म के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 04, 2015 17:37 IST

india TVकर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।

इसका मतलब है कि भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं मनुष्य को बिना फल की इच्छा से अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए। अगर कर्म करते समय फल की इच्छा मन में होगी तो आप पूर्ण निष्ठा से साथ वह कर्म नहीं कर पाओगे।

निष्काम कर्म ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। इसलिए बिना किसी फल की इच्छा से मन लगाकर अपना काम करते रहो। फल देना, न देना व कितना देना ये सभी बातें परमात्मा पर छोड़ दो क्योंकि परमात्मा ही सभी का पालनकर्ता है।

अगली स्लाइड में पढ़ें और लाइफ मैनेजमेंट के बारें में

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