Friday, May 10, 2024
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श्रीमद्भगवद्‌गीता के श्लोक, जिनसे सीखें लाइफ मैनेजमेंट

नई दिल्ली: श्रीमद्भगवद्‌गीता हिंदू धर्म के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 04, 2015 17:37 IST

india TVनास्ति बुद्धिरयुक्तस्य न चायुक्तस्य भावना।
न चाभावयत: शांतिरशांतस्य कुत: सुखम्।

इसका मतलब है कि हम सभी कि इच्छा होती है हमे हमेशा सुख मिले इसके लिए जानें क्या-क्या करते है। जिसके कारण हमारा मन भटकता रहता है। जिस व्यक्ति का मन इंद्रियों यानी धन, वासना, आलस्य आदि में लिप्त है, उसके मन में भावना नहीं होती। और जिस मनुष्य के मन में भावना नहीं होती, उसे किसी भी प्रकार से शांति नहीं मिलती और जिसके मन में शांति न हो, उसे सुख कहां से प्राप्त होगा। इसलिए सुख पाने के लिए अपने मन को नियंत्रण करना जरुरी होता है।

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