Monday, April 29, 2024
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करना चाहते है मनचाही ख्वाहिश पूरी, तो 19 जुलाई को करें ऐसे पूजा

श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस बार कामिका एकादशी 19 जुलाई, बुधवार को है। हिंदू शास्त्रों में माना जात है कि इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। साथ ही आपको हर पाप से मुक्ति मिलती है। जानिए

Shivani Singh Written by: Shivani Singh @lastshivani
Published on: July 18, 2017 11:53 IST

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व्रत कथा
महाभारतकाल में एक समय में कुंतीपुत्र धर्मराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण ने कहा, “हे भगवन, कृपा करके मुझे श्रावण कृष्ण एकादशी का नाम और महत्व बताइए। श्रीकृष्ण ने कहा कि हे युधिष्ठिर! इस एकादशी की कथा एक समय स्वयं ब्रह्माजी भी देवर्षि नारद से कह चुके है, अतः मैं भी तुमसे वहीँ कहता हूं। नारदजी ने ब्रह्माजी से श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी की कथा सुनने की इच्छा जताई थी| उस एकादशी का नाम, विधि और माहात्म्य जानना चाहा|

ब्रह्मा ने कहा- “हे नारद! श्रावण मास की कृष्ण एकादशी का नाम कामिका एकादशी है| इस एकादशी व्रत को सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस तिथि पर शंख, चक्र एवं गदाधारी श्रीविष्णुजी का पूजन होता है| उनकी पूजा करने से जो फल मिलता है सो सुनो|

गंगा, काशी, नैमिशारण्य और पुष्कर में स्नान करने से जो फल मिलता है, वह फल विष्णु भगवान के पूजन से भी मिलता है। सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय कुरुक्षेत्र और काशी में स्नान करने से, भूमि दान करने से, सिंह राशि के बृहस्पति में आने के समय गोदावरी और गंडकी नदी में स्नान से भी जो फल प्राप्त नहीं होता, वह प्रभु भक्ति और पूजन से प्राप्त होता है। पाप से भयभीत मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। एकादशी व्रत से बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। स्वयं प्रभु ने कहा है कि कामिका व्रत से कोई भी जीव कुयोनि में जन्म नहीं लेता। जो इस एकादशी पर श्रद्धा-भक्ति से भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पण करते हैं, वे इस समस्त पापों से दूर रहते हैं। हे नारद! मैं स्वयं श्रोहरी की प्रिय तुलसी को सदैव नमस्कार करता हूं। तुलसी के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और इसके स्पर्श से मनुष्य पवित्र हो जाता है|”

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