Saturday, May 18, 2024
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शनि प्रदोष व्रत 19 को: शनिवार को ऐसे पूजा कर करें भगवान शिव और शनि को प्रसन्न

आज शनि प्रदोष व्रत है। प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा गया है। जानिए पूजा विधि और कथा के बारें में...

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 18, 2017 13:02 IST

pradosh vrat

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प्रदोष व्रत की पूजा विधि

सबसे पहले इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर सभी नित्य कामों से निवृत्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें। साथ ही इस व्रत का संकल्प करें। इस दिन भूल कर भी कोई आहार न लें। शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटें पहले स्नान करके सफेद कपडे पहनें। इसके बाद ईशान कोण में किसी एकांत जगह पूजा करने की जगह बनाएं। इसके लिए सबसे पहले गंगाजल से उस जगह को शुद्ध करें फिर इसे गाय के गोबर से लिपे। इसके बाद पद्म पुष्प की आकृति को पांच रंगों से मिलाकर चौक को तैयार करें।

इसके बाद आप कुश के आसन में उत्तर-पूर्व की दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ में ऊं नम: शिवाय: का जाप भी करते रहें। इसके बाद बेल पत्र, गंध, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची चढ़ाएं। शाम के समय पुन: स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें।

शिवजी का षोडशोपचार पूजा करें, जिसमें भगवान शिव की सोलह सामग्री से पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। आठ बार दीपक रखते समय प्रणाम करें। शिव आरती करें। शिव स्त्रोत, मंत्र जाप करें। रात्रि में जागरण करें।

अगली स्लाइड में पढ़े कथा के बारें में

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