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Sawan 2022: शिवजी को क्यों नहीं चढ़ाते हैं तुलसी? इसके पीछे है एक कहानी

Sawan 2022:आज हम आपको एक पौराणिक कथा बताएंगे कि आखिर शिवजी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है।

Sushma Kumari Written by: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: June 17, 2022 13:26 IST
Sawan 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sawan 2022

Highlights

  • सावन के हर सोमवार को भगवान शिव के भक्त उपवास रखते हैं।
  • शिव की पूजा के दौरान भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा सहित कई चीजें चढ़ाते हैं।
  • कहा जाता है कि भगवान शिव को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए।

Sawan 2022: पूरे भारत में सावन का माह श्रद्धा और बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। सावन के हर सोमवार को भगवान शिव के भक्त उपवास रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। शिव की पूजा के दौरान भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फूल और दूध सहित कई चीजें चढ़ाते हैं। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। लेकिन शायद ही कुछ लोग इस बात को जानते होंगे। ऐसे में आज हम आपको इसके पीछे की एक पौराणिक कथा बताएंगे कि आखिर शिवजी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती है।

जानिए क्या है पौराणिक कथा 

एक पौराणिक कथा के अनुसार पूर्व जन्म में तुलसी का नाम वृंदा था। वृंदा, जलंधर नाम के राक्षस की पत्नी थी जिसका जन्म शिव जी के अंश के रूप में हुआ था। लेकिन अपने बुरे कामों की वजह से वह राक्षस कुल में जन्मा था। जलंधर राक्षस से हर कोई परेशान था। फिर भी कोई भी उसकी हत्या नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसकी पत्नी वृंदा एक पतिव्रता स्त्री थी और वह अपने पति जालंधर के मोह पाश में बंधी हुई थी।

इसलिए जान कल्याण के लिए एक दिन भगवान विष्णु ने जलंधर का रुप धारण किया और उन्होंने वृंदा की पतिव्रता धर्म को तोड़ दिया। जब वृंदा को यह मालूम हुआ कि भगवान विष्णु ने उनका पतिव्रत धर्म भंग किया है, तो उन्होंने विष्णु जी को श्राप दिया कि आप पत्थर के बन जाएंगे।

उस समय विष्णु जी ने वृंदा यानी तुलसी को बताया कि वो उसका जालंधर राक्षस से बचाव कर रहे थे। विष्णु जी ने भी वृंदा को श्राप दिया कि वो लकड़ी की बन जाए। इसके बाद शिव जी ने जलंधर राक्षस का वध कर दिया और विष्णु जी के श्राप के बाद वृंदा कालांतर में तुलसी का पौधा बन गईं। कहा जाता है कि तुलसी श्रापित हैं और शिव जी द्वारा उनके पति का वध हुआ है इसलिए शिव पूजन में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 

Sawan 2022

Image Source : FREEPIK
Sawan 2022

ये चीजें भी नहीं होती हैं शिव पूजन में शामिल

शिव की पूजा में तुलसी के अलावा शंख, नारियल का पानी, हल्दी, रोलीस कनेर, कमल, लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े के फूल को भी नहीं चढ़ाए जाते हैं। 

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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