
भोपाल: भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एमपी के डीजीपी को मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश के DGP ने विजय शाह मामले में SIT गठित कर दी है। एसआईटी अपनी रिपोर्ट 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।
तीन IPS अधिकारियों के नाम
डीजीपी ने इस संबंध में एसआईटी गठन करते हुए आदेश जारी किया है। इसमें लिखा है, "माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा प्रकरण क्रमांक Diary No-27093/2025 (कुंवर विजय शाह विरुद्ध उच्च न्यायालय, म.प्र. एवं अन्य) में पारित निर्णय दिनांक 19.05.2025 के पालन में जिला इंदौर (ग्रामीण) के थाना मानपुर के अपराध क्रमांक 188/25 धारा 152, 196 (1) (बी), 197 (1) (सी) भारतीय न्याय संहिता 2023 की विवेचना हेतु निम्नानुसार विशेष जांच टीम (S.I.T.) का गठन किया जाता है-
- प्रमोद वर्मा, भापुसे, पुलिस महानिरीक्षक, सागर जोन, सागर
- कल्याण चक्रवर्ती, भापुसे, उप पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस मुख्यालय, भोपाल
- श्रीमती वाहिनी सिंह, भापुसे, पुलिस अधीक्षक, जिला डिण्डोरी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक्शन
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि DGP कल तक विजय शाह मामले में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की SIT बनाएं। सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी को मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने को कहा, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हो और तीनों मध्य प्रदेश के बाहर के हों। ऐसे में बता दें कि तीनों अधिकारी एमपी कैडर के हैं, लेकिन मूल निवासी नहीं हैं। जिन तीन अधिकारियों को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में शामिल किया गया है, उनमें प्रमोद वर्मा आईजी सागर जोन, कल्याण चक्रवर्ती डीआईजी एसएएफ और वाहिनी सिंह एसपी डिंडोरी शामिल हैं। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम 28 मई तक अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
बता दें कि इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी के गठन का आदेश दिया। इसके अलावा कोर्ट ने मंत्री के माफी मांगने को 'मगरमच्छ के आंसू' बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मंत्री द्वारा मांगी गई माफी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। बता दें कि सोफिया कुरैशी ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी।