Friday, March 29, 2024
Advertisement

एक दल ने सत्ता के लिए आपातकाल लगाया, दूसरे ने लोगों की जान बचाने के लिये lockdown लगाया: सिंधिया

मार्च में ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘‘मैंने कांग्रेस में रहकर भी सदैव सत्य का साथ दिया और हमेशा आपातकाल का विरोध किया है। क्योंकि जो सही है वह सही है और जो गलत है वो गलत है।’’ 

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: July 03, 2020 21:03 IST
Jyotiraditya Scindia- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE PHOTO) एक दल ने सत्ता के लिए आपातकाल लगाया, दूसरे ने लोगों की जान बचाने के लिये lockdown लगाया: सिंधिया

भोपाल. भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में लॉकडाउन लगाने के निर्णय को साहसपूर्ण कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि एक दल ने सत्ता को कायम रखने के लिये देश में आपातकाल लगाया था जबकि दूसरे ने लोगों की जान बचाने के लिये लॉकडाउन लगाया।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को डिजिटल रैली को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘एक दल ने सत्ता को कायम रखने के लिये देश में आपातकाल कायम किया और दूसरे ने लोगों की जान बचाने के लिये लॉकडाउन का निवेदन किया और लोगों ने अपने प्रधानसेवक की अपील को शिरोधार्य कर स्वीकार किया।’’

मार्च में ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘‘मैंने कांग्रेस में रहकर भी सदैव सत्य का साथ दिया और हमेशा आपातकाल का विरोध किया है। क्योंकि जो सही है वह सही है और जो गलत है वो गलत है।’’ सिंधिया ने कहा, ‘‘कई लोग पूछ रहे हैं कि लॉकडाउन से क्या हुआ। मैं उन लोगों को उत्तर देना चाहता हूं कि अगर मेरे प्रधानमंत्री ने देश में लॉकडाउन का आह्वान नहीं किया होता तो इस देश में भी दूसरे देशों की तरह मौतों की संख्या काफी अधिक होती। इस देश में उन्होंने (नरेंद्र मोदी) हजारों, लाखों लोगों की जान बचाई है, लॉकडाउन आरंभ करके।’’

सिंधिया ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इस महामारी के प्रकोप की क्या स्थिति पूरे विश्व में उत्पन्न होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने दूरदर्शिता और संकल्प के साथ सही निर्णय लेने का साहस भी दिखाया। विश्व के कई देश कंपकपा रहे थे कि इस महामारी का सामना कैसे किया जाये तब प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से लॉकडाउन का निवेदन किया। भाजपा नेता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमें कोरोना महामारी से मुकाबला करने के साधन और जागरुकता दोनों हासिल हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत में लॉकडाउन शुरु हुआ तो न तो पीपीई किट थी और न ही इस बीमारी से बचने का कोई साधन था। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज पांच लाख किट रोज़ बन रहे हैं और एक हजार कोरोना अस्पताल देश में तैयार हैं।’’ सिंधिया ने कोरोना संकट और चीन के साथ टकराव की स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व में संवेदनशीलता और साहस के पहलू का जिक्र करते हुए कहा कि इससे जहां हम कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिये तैयार हुए वहीं हमारे प्रधानमंत्री और जवानों ने चीन को ठोस जवाब भी दिया।

उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री कार्यालय में नहीं बल्कि लेह पहुँचकर सेना के जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन की बात हो या इस महामारी के संकट की बात हो, यह समय राजनीति करने का नहीं है क्योंकि ये धर्म या राजनीति का मुद्दा नहीं है, ये देश की जनता का मुद्दा है। आपका और हमारे जीवन मरण का मुद्दा है। इस इन मुद्दों पर देश को एक साथ होना होगा।

उन्होंने महामारी के दौर में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भीषण संकट में मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने तेजी से कार्य किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की गरीब जनता के लिये सरकार का खजाना खोल दिया। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र दिया है। वहीं कांग्रेसी इस संकट में सरकार का साथ देने के बजाए सवाल कर रहे थे।

उन्होने मध्यप्रदेश की पिछली कमलनाथ सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता थी, लेकिन मुख्यमंत्री चौहान ने अकेले रहकर प्रदेश की जनता की चिंता की और कोरोना संकट में उन्होंने प्रदेश के लिये 20 घण्टे तक काम किया। कोरोना वायरस के प्रारंभ में उससे बचाव के उपायों को लेकर प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिंधिया ने कहा, "मैं उनसे (पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ) पूछना चाहता हूं कि कोरोना को लेकर आपने क्या किया? आपकी व्यस्तता सिर्फ ट्रांसफर उद्योग की बहाली थी। मार्च में जाते जाते कई लोगों की नियुक्तियां की, आईफा को देने के लिये पैसा था लेकिन कोरोना के लिये उनके पास कुछ नहीं था।"

मालूम हो कि सिंधिया मार्च माह में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायक भी बागी होकर विधायक पद से त्यापत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये। इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गयी। बाद में शिवराज चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन हुआ। प्रदेश में बृहस्पतिवार को भाजपा सरकार की मंत्रिपरिषद के विस्तार में 28 नये मंत्री शामिल किये गये। इनमें सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए 22 गैर विधायकों में से 12 नेताओं को स्थान दिया गया है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें मध्य-प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement