Monday, April 29, 2024
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36 लोगों की जान लेने वाली इंदौर की बावड़ी की डरावनी कहानी, कभी 'सुसाइड प्वाइंट' के रूप में थी कुख्यात

पटेल नगर के सबसे पुराने निवासियों में शामिल 64 वर्षीय लक्ष्मीकांत पटेल ने बताया, यह बावड़ी उस दौर की बताई जाती है, जब इंदौर पर होलकर शासकों का राज था। हम वर्ष 1969 से इस बावड़ी के सामने रह रहे हैं, जब पटेल नगर में बेहद कम मकान हुआ करते थे।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: April 03, 2023 22:01 IST
indore bawadi- India TV Hindi
Image Source : PTI इंदौर की इसी बावड़ी में गिरकर 36 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी।

इंदौर (मध्य प्रदेश): इंदौर में रामनवमी को एक मंदिर की फर्श धंसने के कारण हुए भीषण हादसे के दौरान जिस बावड़ी में गिरकर 36 श्रद्धालुओं की मौत हुई, वह एक जमाने में "आत्महत्या स्थल" के रूप में कुख्यात थी। क्षेत्र के एक रहवासी ने सोमवार को यह दावा किया। गौरतलब है कि स्थानीय प्रशासन ने आम लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए सोमवार को न केवल पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का अवैध निर्माण हटा दिया, बल्कि मलबा डालकर इस बावड़ी को भी बंद कर दिया जिससे यह पुरातन जलस्त्रोत इतिहास के पन्नों में समा गया।

पटेल नगर के सबसे पुराने निवासियों में शामिल 64 वर्षीय लक्ष्मीकांत पटेल ने बताया, "यह बावड़ी उस दौर की बताई जाती है, जब इंदौर पर होलकर शासकों का राज था। हम वर्ष 1969 से इस बावड़ी के सामने रह रहे हैं, जब पटेल नगर में बेहद कम मकान हुआ करते थे।" पटेल, बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के सामने रहते हैं जिसकी फर्श 30 मार्च को रामनवमी को हवन-पूजन के दौरान कुछ इस तरह धंसी कि बावड़ी में गिरकर 21 महिलाओं और दो बच्चों समेत 36 लोगों की मौत हो गई। इनमें पटेल की पत्नी और बहू समेत चार परिजन शामिल थे। उनकी मानें तो 1970 से 1980 के बीच बावड़ी में छलांग लगाकर हर साल पांच-सात लोग आत्महत्या करते थे और इन घटनाओं के बाद पंचनामे का गवाह बनाने के लिए उनके परिवार के लोगों को पुलिस परेशान करती थी।

रामनवमी को हवन-पूजन के दौरान धंस गई थी बावड़ी

Image Source : PTI
रामनवमी को हवन-पूजन के दौरान धंस गई थी बावड़ी

उन्होंने बताया, "बावड़ी के आत्महत्या स्थल के रूप में कुख्यात होने के बाद हमारे परिवार ने स्थानीय प्रशासन को शिकायत करके इस पर ढक्कन के साथ लोहे की जाली लगवा दी थी, लेकिन कुछ बदमाश ढक्कन खोलकर बावड़ी में चोरी का सामान डालने लगे। इसके बाद प्रशासन ने इस पर 1980 के दशक में सीमेंट-कंक्रीट की स्लैब डालकर इसे बंद कर दिया था।"

जूनी इंदौर थाने के प्रभारी नीरज मेड़ा ने बताया कि बावड़ी में 30 मार्च को हुए हादसे के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मेड़ा ने बताया कि ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया जिससे हुए हादसे के कारण 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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उन्होंने बताया,‘‘इंदौर नगर निगम ने ट्रस्ट को मंदिर परिसर का अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने यह आदेश नहीं माना।’’ थाना प्रभारी के मुताबिक दोनों आरोपियों के अस्वस्थ होने के कारण उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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