Friday, April 26, 2024
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'दिखावे के लिए है BJP का सबका साथ...', मुसलमानों के इस मुद्दे पर भड़क गए वारिस पठान

AIMIM नेता वारिस पठान ने 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि फिलहाल मुसलमान अपनी इस जायज मांग के लिए सड़क पर नहीं उतरेगा लेकिन सरकार नहीं मानी तो फिर देखेंगे।

Reported By : Atul Singh Edited By : Vineet Kumar Singh Published on: February 21, 2024 20:56 IST
Waris Pathan, Muslim reservation, Maharashtra Muslim reservation- India TV Hindi
Image Source : FILE AIMIM नेता वारिस पठान।

मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर सूबे की विधानसभा में विधेयक के पास होने के बाद अब मुस्लिम नेता भी रिजर्वेशन की मांग उठाने लगे हैं। इसी कड़ी में असदुद्दीन ओवैसी की सरपरस्ती वाली AIMIM के नेता और पूर्व विधायक वारिस पठान ने भी बड़ा बयान दिया है। पठान ने 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण की मांग उठाते हुए कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का नारा एक जुमला है और भगवा दल मुसलमानों को शिक्षित एवं मजबूत बनाना ही नहीं चाहता।

‘हमारी मांग को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी जायज माना है’

वारिस पठान ने कहा, ‘हमारी मांग गलत नहीं है। हम 5 फीसदी अरक्षिण मुस्लिम समाज की तरफ से शिक्षा के लिए मांग रहे हैं। इस मांग को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी जायज़ माना है, तो फिर महाराष्ट्र सरकार इसे लागू क्यों नही करती? हम मराठा समाज ही नहीं, धनगर समाज को भी आरक्षण देने का समर्थन करते हैं। लेकिन जब बात हम मुसलमानों के आरक्षण की आती है तो राज्य सरकार गूंगी क्यों बन जाती है? हमारे मुस्लिम समाज मे भी कितनी पिछड़ी जातियां हैं।’

‘सबका साथ, सबका बिकास बीजेपी का जुमला है’

AIMIM नेता ने कहा, ‘पसमांदा मुसलमानों को ताकतवर बनाने की बात तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करते हैं, तो फिर हम धर्म के आधार पर नहीं बल्कि पिछड़ेपन के आधार पर 5% शिक्षा में आरक्षण मांग रहे हैं। फिर मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों? बीजेपी और पीएम मोदी की मुसलमानों को लेकर नीयत में ही खोट है। ये सिर्फ दिखावे के लिए, मुसलमानों के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का जुमला बोलते हैं। ये मुसलमानों को शिक्षित और मजबूत बनाना ही नहीं चाहते।’

‘हम फिलहाल सड़क पर नहीं उतरेंगे, लेकिन…’

वारिस पठान ने कहा कि कोई मुस्लिम नेता कुछ बोलता है तो उस पर तुरंत कार्रवाई हो जाती है, जबकि बीजेपी नेता मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हैं तो उन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल सड़क पर उतरकर मुस्लिम आरक्षण की मांग नहीं करेंगे। यह हमारी जायज मांग है और गेंद राज्य सरकार के पाले में है। राज्य सरकार नहीं मानेगी तो फिर देखेंगे। हमने एक बार पहले भी इस पर आंदोलन किया था और जररूत पड़ी तो फिर करेंगे। महाराष्ट्र सरकार को हमारी जायज मांग सुननी चाहिए।’

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