छत्रपती शिवाजी महाराज काल के 12 किलों को यूनेस्को ने अपनी वर्ल्ड हेरीटेज साइट्स की लिस्ट में शामिल किया है। इसे लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह पीएम मोदी के प्रयासों का परिणाम है। बता दें कि यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में महाराष्ट्र के 12 किलों को शामिल किया है, जिसमें रायगड, राजगड, प्रतापगड, पन्हाला, शिवनेरी, लोहगड, साल्हेर, सिंधुदुर्ग, विजयदुर्ग, सुवर्णदुर्ग, खांदेरी और तमिलनाडु का एक जिंजी किला शामिल है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण। महाराष्ट्र सरकार हमारे प्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करती है। महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई। छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किले यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे महानतम राजा, छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
अब इसे 'उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य' के रूप में शामिल किया गया है।
क्या बोले सीएम देवेंद्र फडणवीस
महाराज ने स्वराज्य के लिए इन किलों का निर्माण कराया था। 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच विकसित, ये किले हमारे राजा द्वारा परिकल्पित एक असाधारण दुर्ग और सैन्य व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। किलों का यह असाधारण नेटवर्क, जो पदानुक्रम, पैमाने और प्रतीकात्मक विशेषताओं में भिन्न है, भारतीय प्रायद्वीप में सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं, कोंकण तट, दक्कन पठार और पूर्वी घाटों के विशिष्ट भूदृश्य, भूभाग और भौगोलिक विशेषताओं के एकीकरण का परिणाम है। यह 'उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य' है। इस उपलब्धि तक पहुँचने में अनेक लोगों का योगदान रहा। सबसे पहले, मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहूंगा। उनका सहयोग और केंद्र सरकार की सक्रिय भागीदारी अत्यंत मूल्यवान रही। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और संस्कृति मंत्रालय ने इसमें बहुत मदद की। मैंने व्यक्तिगत रूप से विभिन्न राजदूतों से संपर्क किया। मेरे सहयोगी, डीसीएम एकनाथ शिंदे जी, डीसीएम अजित दादा पवार ने भी समय-समय पर मेरा सहयोग किया। मंत्री आशीष शेलार ने व्यक्तिगत रूप से यूनेस्को के महानिदेशक से मुलाकात की। उन्होंने वहाँ एक तकनीकी प्रस्तुति दी।